सुजानपुर 7 जुलाई। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसे सामाजिक बदलाव के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के सुखद परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। विकास खंड सुजानपुर में सामाजिक बदलाव एवं व्यवहार परिवर्तन हेतु लक्षित इन कार्यक्रमों में जनसंवाद, जनभागीदारी तथा जनसंपर्क के माध्यम से लक्ष्यों की प्राप्ति का गहन प्रयास विगत वर्षों से किया जा रहा है। इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप जहां विगत 2 कैलेंडर वर्षों में जन्म लिंग अनुपात क्रमशः 1042 एवं 1031दर्ज किया गया है वहीं बाल लिंगानुपात बढ़कर 951 हो गया है जो प्राकृतिक रूप से स्वीकार्य सीमा के लगभग बराबर है। इसी प्रकार कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई में भी आशातीत सफलता मिली है तथा गंभीर कुपोषण का स्तर 0.6% तक तथा मध्यम कुपोषण 2.99% तक सीमित हो गया है। कुपोषण के इन स्तरों को क्रमशः 0.1% तथा 2.3% तक लाने के प्रयासों में तीव्रता लाई जा रही है। शुक्रवार को सुजानपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसडीएम राकेश शर्मा ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि महिला विकास और सामाजिक न्याय की प्राप्ति हमारे समस्त विकास कार्यक्रमों के केंद्र में है । इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि लक्षित समूहों एवं समुदायों को सही सूचना मिले, वे सेवाओं और योजनाओं के महत्व के बारे में जाने व स्वैच्छिक रूप से बदलाव के कार्यक्रमों में भागीदार बनें। इस संबंध में बाल विकास परियोजना सुजानपुर के प्रयास सराहनीय रहे हैं।
एसडीओ ने कहा कि बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत किशोरी मेलों के आयोजन, नवजात कन्या शिशुओं की माताओं के सामूहिक सम्मान , बेटी जन्मोत्सवों के आयोजन, किशोरी बेटियों के लिए तनाव प्रबंधन एवं कैरियर काउंसलिंग कार्यशालाओं के आयोजन, विविध क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाड़ने वाली बेटियों के सार्वजनिक सम्मान जैसे कार्यक्रमों के द्वारा परियोजना बेटियों और महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाने और गिरते बाल लिंगानुपात की दिशा को बदलने में सफल रही है। उन्होंने सुजानपुर विकास खंड के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में पोषण अभियान के अंतर्गत पोषण जागरूकता शिविरों, पोषण मेलों, पोषण प्रदर्शनियों, स्वास्थ्य जांच शिविरों जैसे हस्तक्षेपों के माध्यम से जन आंदोलन का स्वरूप देने के परियोजना के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी संबंधित विभागों एवं एनजीओ से इस जनहित की योजनाओं को एकीकृत मंच प्रदान करने की संभावनाओं पर कार्य करने का आह्वान किया। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर हुई चर्चा की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा वित्तीय वर्ष 2023- 24 की प्रथम तिमाही के दौरान परियोजना द्वारा आईसीडीएस के अंतर्गत 2617 बच्चों एवं 540 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को लाभ पहुंचाया गया है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत 6 लाभार्थियों को 186000 रुपए, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के अंतर्गत 81माताओं को उनके 118 बच्चों की परवरिश हेतु 212184 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत 11 बेटियों को 21000 रुपये प्रति बेटी की दर से 2 लाख 31 हजार रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में प्रदान किए गए हैं । उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना के अंतर्गत 6 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों में रक्त में हिमोग्लोबिन के स्तर की त्रैमासिक आधार पर जांच हो रही है वहीं बाल मजदूरी एवं बाल विवाह जैसी कुरीतियों के उन्मूलन हेतु और अधिक गंभीर एवं सजग प्रयास किए जा रहे हैं । उन्होंने सरकार द्वारा संचालित एवं विभिन्न विभागों द्वारा कार्यान्वित योजनाओं को एक दूसरे का पूरक मानते हुए उन्हें पूर्ण निष्ठा एवं कर्तव्यपरायणता से लागू करने पर बल दिया ताकि सभी योजनाओं के वास्तविक लक्ष्य अर्थात स्वस्थ, सहकारी एवं भेदभाव रहित समाज के निर्माण को हासिल किया जा सके। इन समीक्षा बैठकों के अतिरिक्त खंड समिति सुजानपुर अंजना ठाकुर की अध्यक्षता में खंड स्तरीय बाल सरंक्षण समिति की बैठक का भी आयोजन हुआ। बैठक में बाल अधिकारों के संरक्षण, उनकी उपयुक्त देखभाल एवं शिक्षा, उचित पोषण तथा तथा बेसहारा बच्चों के पुनर्वास और सभी प्रकार के शोषण से बचाव पर सरकार एवं समुदाय की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में बी एम ओ सुजानपुर डॉ० राजकुमार, बी डी ओ राजेश्वर भाटिया, सी डी पी ओ कुलदीप सिंह चौहान, बी एम ओ सुजानपुर के प्रतिनिधि के रूप में डॉक्टर वर्षा, बीईईओ देशराज, एस एम एस एग्रीकल्चर राजेश कुमार, एच डी ओ डॉक्टर निधि, टी डब्ल्यू ओ बलदेव चंदेल, कोऑर्डिनेटर चाइल्ड हेल्पलाइन सुरेंद्र प्रकाश, सुप्रिडेंट बाल आश्रम विकास शर्मा, अध्यक्ष नगर परिषद सुजानपुर सुनीता देवी तथा प्रधान ग्राम पंचायत दाडला, करोट, डेरा इत्यादि विशेष रूप से उपस्थित रहे।