एनएचआरसी के स्पेशल मॉनीटर बालकृष्ण गोयल ने किया बाल आश्रम सुजानपुर का निरीक्षण

विभिन्न सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया, इनके विस्तार एवं आधुनिकीकरण के दिए निर्देश

एनएचआरसी के स्पेशल मॉनीटर बालकृष्ण गोयल ने किया बाल आश्रम सुजानपुर का निरीक्षण

बाल अधिकारों और बुजुर्गों से संबंधित मामलों के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में स्पेशल मॉनीटर के रूप में नियुक्त बालकृष्ण गोयल ने हमीरपुर जिले के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को बाल आश्रम सुजानपुर का निरीक्षण किया।
 इस अवसर पर उन्होंने बाल आश्रम के रिकॉर्ड की जांच की तथा विभिन्न सुविधाओं का जायजा लिया। बालकृष्ण गोयल ने बच्चों के कमरों, रसोई कक्ष, चिकित्सा सुविधा, शौचालय, मनोरंजन और अन्य आवश्यक सुविधाओं के बारे में जानकारी ली तथा आश्रम के संचालकों, जिला बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए।
 बाल आश्रम में विभिन्न सुविधाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए एनएचआरसी के स्पेशल मॉनीटर ने कहा कि यहां बच्चों के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान बालकृष्ण गोयल ने बच्चों के साथ काफी देर तक बातचीत की तथा उनसे विभिन्न सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि आश्रम में बच्चों के लिए खेलकूद सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए, ताकि वे मनोरंजन के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी फिट रह सकें।
  इस अवसर पर एसडीएम डॉ. रोहित शर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी तिलक राज आचार्य, बाल विकास परियोजना अधिकारी हमीरपुर बलवीर सिंह बिरला, जिला बाल कल्याण समिति के अन्य पदाधिकारी और आश्रम के संचालक भी उपस्थित थे।
 इससे पहले, हमीरपुर के दो दिवसीय दौरे की जानकारी देते हुए बालकृष्ण गोयल ने बताया कि सोमवार को उन्होंने हीरानगर के वृद्ध आश्रम का निरीक्षण करके वहां उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न सुविधाओं का जायजा लिया तथा वहां रह रहे बुजुर्गों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आश्रम में वरिष्ठ नागरिकों के लिए पुस्तकालय की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए। बालकृष्ण गोयल ने कहा कि जिला हमीरपुर में विभिन्न संस्थानों के निरीक्षण के दौरान सभी आवश्यक सुविधाएं संतोषजनक पाई गई हैं, लेकिन इन सभी सुविधाओं के विस्तार एवं आधुनिकीकरण की दिशा में लगातार प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि बेसहारा बच्चों और बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।