चैत्र मास मेलों ने भरा बाबा का खजाना, अब तक दियोटसिद्ध मंदिर में चढ़ा छह करोड़ 50 लाख का चढ़ावा

चैत्र मास मेलों ने भरा बाबा का खजाना, अब तक दियोटसिद्ध मंदिर में चढ़ा छह करोड़ 50 लाख का चढ़ावा

उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चल रहे चैत्र मास मेलों ने मंदिर ट्रस्ट का खजाना भर दिया है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार अब तक 56 लाख के लगभग ज्यादा आमदन हुई है। 11 अप्रैल, 2023 तक कंपाइल की गई रिपोर्ट के अनुसार मंदिर में छह करोड़ 50 लाख का चढ़ावा चढ़ाया गया है। लगभग 29 दिनों में श्रद्धालुओं ने बाबा के दर करोड़ों का चढ़ावा चढ़ाया है। बात विदेशी मुद्रा के चढ़ावे की करें, तो इसमें भी नया रिकार्ड बनने वाला है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष विदेश मुद्रा के चढ़ावे में भी इजाफा हुआ है। मंदिर में चढ़ावे के रूप में चढ़ाए गए सोना-चांदी का आंकड़ा भी पिछले वर्ष के आंकड़े को पछाड़ रहा है। बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध का चढ़ावा इस साल 6.50 करोड़ के पार हो गया। बताते चलें कि बाबा बालकनाथ मंदिर में मेले 14 मार्च से 13 अप्रैल तक लगे हैं।

14 मार्च से 11 अप्रैल तक हुई गणना के अनुसार बाबा बालक नाथ मंदिर में 6 करोड़ 62 लाख 33651 रुपए का चढ़ावा श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाया गया है। वर्ष 2022 की बात की जाए, तो इस दौरान बाबा बालकनाथ के मंदिर में 6 करोड़ 64 लाख 0521 रुपए का चढ़ावा यहां पर चढ़ाया गया है। यानी कि इस साल 55 लाख 93 हजार 130 रुपए की वृद्धि चढ़ावे में हुई है। वहीं सोने की बात की जाए, तो बाबा बालकनाथ के दरबार में इस साल 226 ग्राम 350 मिलीग्राम सोना चढ़ाया गया है, जो कि पिछले वर्ष 2022 में 145 ग्राम था। पिछले साल की अपेक्षा में इस बार 81 ग्राम 30 मिलीग्राम ज्यादा सोना यहां पर श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित किया गया है। वहीं चांदी के चढ़ावे में भी इजाफा हुआ है। बाबा के दरबार में श्रद्धालुओं द्वारा 4988 ग्राम 710 मिलीग्राम चांदी का चढ़ावा चढ़ाया गया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 1957 ग्राम 31 मिलीग्राम ज्यादा है। (एचडीएम)

विदेशी मुद्रा में भी ज्यादा वृद्धि
मंदिर अधिकारी धर्मपाल नेगी ने बताया मुद्रा की बात की जाए, तो इस साल बाबा बालक नाथ के दरबार में इंग्लैंड 7670, यूएसए 7517, यूरो 4090, कनाडा 11412, ऑस्ट्रेलिया 3570, यूएई 1950, कतर रियाल 447, सऊदी रियाल 2197, न्यूजीलैंड 876 एवं सिंगापुर 37 डॉलर का चढ़ावा चढ़ा है। विदेशी मुद्रा की बात की जाए, तो पिछले साल की अपेक्षा इस साल भी विदेशी मुद्रा में वृद्धि हुई है।