डा. सोमदेव शर्मा ने संभाला निजी महाविद्यालय के डीन का पद

औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी के नवनियुक्त डीन डाक्टर सोमदेव शर्मा ने अपना कार्यभार संभाल लिया है । डाक्टर शर्मा इससे पूर्व नेरी महाविद्यालय में ही कल विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष थे। उन्होंने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से कृषि स्नातक एवं परास्नातक की उपाधि एवं कल विज्ञान में यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ग्रहण की है।

डा. सोमदेव शर्मा ने संभाला निजी महाविद्यालय के डीन का पद
डा. सोमदेव शर्मा ने संभाला निजी महाविद्यालय के डीन का पद

हमीरपुर (QNN)

शिल्पा शर्मा 
औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी के नवनियुक्त डीन डाक्टर सोमदेव शर्मा ने अपना कार्यभार संभाल लिया है । डाक्टर शर्मा इससे पूर्व नेरी महाविद्यालय में ही कल विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष थे। उन्होंने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से कृषि स्नातक एवं परास्नातक की उपाधि एवं कल विज्ञान में यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ग्रहण की है। डा. शर्मा की 28 वर्ष का शिक्षण एवं अनुसंधान का अनुभव है। डा. शर्मा 1995 मैं परमार विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद रिकांगपिओ किन्नौर में नियुक्त हुए थे । तत्पश्चात वे विश्वविद्यालय के अनुदान केंद्र बजौरा एवं मुख्य परिसर में विभिन्न पदों पर कार्य करते रहे। डा. शर्मा बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट अनुदान के लिए जाने जाते हैं । उन्होंने विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर एवं नेरी महाविद्यालय में सेव, अनार ,आडू ,अमरूद ,आम एवं नींबू प्रजातियां केलों के उच्च सघनता वाले बगीचे स्थापित किए हैं। जो ऊपरी एवं निचले हिमाचली क्षेत्रों के लिए किसानों के लिए एक वरदान है ।डा. शर्मा  फैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से एडवांस ट्रेनिंग ऑफ फील्ड कार कास्टिंग ऑफ घर्टि कतेचर कशप्स की है। ऑस्ट्रेलिया से एडवांस ट्रेनिंग ऑन फिजियोलॉजी ऑफ कला बरींग अंडर चेजिंग क्लाइमेट विद हार्वेस्ट लिभिट की है। । डॉ शर्मा 2016 से नेरी कालेज में विभागाध्यक्ष के साथ 2018 से ऑल इंडिया कोऑर्डिनेट रिसर्च प्रोजेक्ट फ्रूट्स ऑन लीची मैंगो एवं गुआवा के नोडल अधिकारी भी है। अगस्त 2008 से फरवरी 2013 तक विश्वविद्यालय के कुलपति के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी भी रहे हैं। डा. शर्मा वर्तमान में भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष भी हैं ऐसे अनुभवी वैज्ञानिक के मार्गदर्शन में निश्चय ही बागवानी के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे।