युवा की तोड़ सकते हैं नशे की सप्ताई चेनः राज्यपाल

नशे के खिलाफ रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया

युवा की तोड़ सकते हैं नशे की सप्ताई चेनः राज्यपाल

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने का काम केवल हमारे युवा ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिज्ञा ही नशे की दवा है। वीरभूमि में नशे का व्यापार होगा तो सैनिक नहीं होंगे और शिक्षण संस्थानों में नशा होगा तो डाक्टर, इंजीनियर नहीं होंगे।
राज्यपाल आज हमीरपुर गौड़ा स्थित गौतम ग्रुप ऑफ कॉलेज परिसर में नशे के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय और गौतम ग्रुप ऑफ कॉलेज ने संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया।
राज्यपाल ने कहा कि पहली बार उन्होंने प्रदेश में देखा कि इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थी नशे के खिलाफ रैली में सहभागी बने हैं। प्रदेश का प्रथम नागरिक होने के कारण मैं प्रदेश का अभिभावक भी हूं। इसलिए, यहां नशे के खिलाफ अभियान में शामिल हुआ हूं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल बनने से पूर्व, हिमाचल की अच्छाइयों की खूब चर्चा सुनी थी। लेकिन, राज्यपाल बनने के बाद पहली बार शिष्टाचार भेंट के लिए प्रधानमंत्री से मिला तो उन्होंने राज्य में बढ़ते नशे पर चिंता व्यक्त की थी। उनकी प्रेरणा से ही मैंने प्रदेश में ‘‘नशामुक्ति हिमाचल-स्वास्थ हिमाचल’’ अभियान चलाया है।
 शुक्ल ने कहा कि दुनिया में भारत को युवा राष्ट्र कहा जाता है और देश का भविष्य युवाओं पर ही निर्भर करता है। हिमाचल को वीरभूमि कहा जाता है और हिमाचल को देश का पहला परमवीर चक्र प्राप्त करने का सौभाग्य राज्य को प्राप्त है। हमीरपुर में सबसे अधिक परिवार सेना से जुड़े हैं, इसलिए हमारे युवाओं को नशे से बचाना है ताकि वीरभूमि की सार्थकता बनी रहे। पुलिस का सहयोग करके हम नशे के खिलाफ आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नशा करेंगे तो युवा सेना में कैसे भर्ती होंगे। वह केवल परिवार को ही बर्बाद करेंगे। इसलिए मैं राजभवन से बाहर निकला और अभियान चलाया।’’ उन्हेोंने अभियान की सफलता के लिए मीडिया का भी आभार व्यक्त किया।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र के लोगों का ध्यान अब बढ़ते नशे की ओर गया है। सामाजिक बुराई के चलते अभिभावक छिपाने का कार्य कर रहे हैं लेकिन, हमारी पूरी लड़ाई युवाओं को बचाने की है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे जिले में इस अभियान को और प्रभावी तरीके से चलायें। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि समाज जागरूक हो रहा है और जागरूकता ही परिवर्तन लाता है। जागरूकता की शुरूआत राजभवन से की जा चुकी है अब समाज को जागने की आवश्यकता है। 
मेरा मानना है कि पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि और ग्रामीण स्तर पर हमारी मातृ शक्ति इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत हैं। महिलाओं ने यदि ठान लिया तो नशे का खात्मा संभव है। हमारे पंचायत प्रतिनिधि सीधे तौर पर आम आदमी से जुड़े रहते हैं। उन्हें हर व्यक्ति और गतिविधि की जानकारी रहती है। यदि वे पुलिस प्रशासन को सूचना देते रहें तो भी नशा तस्करों पर गहरी चोट होगी। उन्होंने कहा कि देवभूमि की सार्थकता इसी में है कि अपनी समृद्ध परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े रहना। लेकिन, बढ़ता नशा एक बड़ी चुनौती है। 
उन्होंने कहा कि कानून अथवा शासकीय तरीके से अपने स्तर पर कार्य होता है लेकिन, वास्तव में जागरूकता ही इस समस्या का समाधान है। उन्होंने कहा कि महिलाएं इस समस्या के समाधान में सबसे महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि नशे को लेकर चिंता हम सबकी है क्योंकि यह हमारी भावी पीढ़ी के भविष्य से जुड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘हर माता-पिता का दायित्व है कि वे नशे के खिलाफ बोले, अपने बच्चों को नशे से सुरक्षा दे। छिपाने से केवल मृत्यु ही मिल सकती है।’’ उन्होंने कहा कि समाज में नई सोच और जागरूकता के माध्यम से ही हिमाचल को नशामुक्त बनाया जा सकता है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर आयुष्मान नशामुक्ति केंद्र, गौड़ा के संचालक आयुष्मान कुमार को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ती पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शशि धीमान ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि जिस प्रकार नशे के खिलाफ विद्यार्थियों ने रैली निकाली है, उससे उम्मीद बढ़ी है। इस सामाजिक समस्या से सब परिचित हैं, सबके पास आंकड़े भी हैं। लेकिन, आज सबसे अधिक जरूरत समाधान की है। यह समस्या हिमाचल की नहीं बल्कि अंतरराज्यीय भी है। उन्होंने कहा कि हर संस्थान और संगठन की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान दें और उनके प्रति संवेदनशील रहें ताकि नशे के प्रति उनका ध्यान ही न जाए।
मुख्य वक्ता के तौर पर ओ.पी. शर्मा ने कहा कि राज्यपाल ने नशे के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में बड़ा आंदोलन चलाया है। आज प्रदेश में नशे के खिलाफ लोग खुल कर बोलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि नशे की मांग और आपूर्ति को खत्म करने की जरूरत है। और यह कार्य समाज के हर वर्ग को करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ राज्यपाल का संदेश घर-घर तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि समाज में जागृति आ सके।
हमीरपुर के पुलिस अधीक्षक भगत सिंह ने कहा कि नशे के मामले में शिक्षण संस्थान सबसे अधिक असुरक्षित और संवेदनशील हैं। सबसे चिंता इस बात की है कि 20 से 25 वर्ष के युवा नशे के आदी हो रहे हैं और मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। ऐसे मामले बढ़ रहे हैं, जिसको ध्यान में रखकर जिला पुलिस ने अनेक प्रभावशाली पग उठाए हैं। समाज के हर वर्ग से विचार-विमर्श कर जिले में ‘‘हमीरपुर वॉर अगेंस्ट ड्रग्स’’ नाम से अभियान चलाया है, जिसमें न केवल पंचायतों बल्कि शिक्षण संस्थानों को भी इससे जोड़ा गया है। 
क्षेत्रीय अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. रजीत ने कहा कि हर स्तर पर नशे के खिलाफ कार्यक्रम चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक रोग की तरह है, जिसका उपचार आवश्यक है। अलग-अलग नशे का कितना प्रभाव पड़ रहा है और शारीरिक और मानसिक तौर पर कैसे प्रभावित कर रहा है, इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। नशा की आदत के कई चरण होते हैं। हमें इसके कारणों को जानना और समाधान पर कार्य करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने उपचार, काउंसलिंग और पुनर्वास पर विस्तृत दी। 
चमनेड पंचायत की प्रधान नीलम ने भी नशे के खिलाफ अपने विचार-व्यक्त किए। बी-टैक के छात्र प्रांजल शर्मा ने भी नशे के प्रति जागरूकता को लेकर अपने विचार-व्यक्त किए।
गौतम ग्रुप ऑफ कॉलेज के सचिव डॉ. रजनीश गौतम ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों ने स्किट प्रस्तुत कर नशे के खिलाफ संदेश दिया।

इससे पूर्व, राज्यपाल ने आयुष्मान नशा मुक्ति केंद्र गौड़ा का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां उपचाराधीन रोगियों से संवाद किया। इस अवसर पर, प्रस्तुति के माध्यम से उन्हें केंद्र के माध्यम से उपचाराधीन रोगियों को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी गई।
राज्यपाल ने हमीरपुर परिधि गृह से नशे के विरूद्ध विद्यार्थियों की रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। शहर के विभिन्न स्कूलों एवं संस्थाओं के सैकड़ों विद्यार्थियों ने रैली में भाग लिया। ‘‘नशे को भगाना है, हिमाचल को बचाना है’’, की स्लोगन और बैनल के साथ इन छात्रों ने परिधि गृह से गौड़ा तक पैदल मार्च किया और नशे के खिलाफ एक प्रभावशाली संदेश दिया। यह रैली हमीरपुर बाजार से होते हुए गौड़ा तक आयोजित की गई।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘यही विद्यार्थी अब उनके इस अभियान की ताकत बनेंगे। मुझे उम्मीद है कि अब हम नशे के खिलाफ मजबूती से आगे बढ़ेंगे।’’
राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, हमीरपुर के उपयुक्त अमरजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक भगत सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि धीमान तथा अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।