बड़सर विधानसभा क्षेत्र के विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल ने चिट्टा तस्करी को समाज के लिए सबसे घातक अपराध बताते हुए कहा कि इस जघन्य कृत्य में शामिल व्यक्ति चाहे रिश्तेदार हो या स्वयं उनका बेटा ही क्यों न हो, उसे कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। नशा न केवल युवाओं को बर्बाद कर रहा है, बल्कि पूरे समाज की नींव को खोखला कर रहा है और इसमें किसी भी प्रकार की नरमी या संरक्षण अक्षम्य है।
विधायक लखनपाल ने कड़े शब्दों में सवाल उठाया कि जब आरोपी को चिट्टे के साथ पकड़ा गया, तो उसे इतनी जल्दी क्यों छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि आरोपी की रिहाई किन परिस्थितियों और किस आधार पर हुई, इसका स्पष्ट, तथ्यात्मक और सार्वजनिक जवाब पुलिस-प्रशासन को मीडिया और जनता के सामने देना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के संदेह की गुंजाइश न रहे।
अपने बयान में विधायक ने कहा कि चिट्टा तस्करी के आरोपियों को संरक्षण देने वाले, जमानत दिलाने में भूमिका निभाने वाले या दबाव बनाने वाले लोगों के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी माता-पिता, अधिकारी या जनप्रतिनिधि यह नहीं चाहता कि उसका बच्चा नशे की गिरफ्त में आए, लेकिन यदि कोई व्यक्ति इस अपराध में संलिप्त पाया जाता है, तो रिश्तों या नामों को उछालने के बजाय सीधे और सख्ती से आरोपी पर कार्रवाई होनी चाहिए।
लखनपाल ने एस.पी. हमीरपुर की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोपी युवक से उनके कथित संबंधों को उछालना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जिला पुलिस के मुखिया होने के नाते एस.पी. को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने ही विभाग की कार्यप्रणाली, जांच की निष्पक्षता और कार्रवाई की गति पर आत्ममंथन करना चाहिए।
उन्होंने दो टूक कहा कि नशे से उनका या उनके परिवार का कोई संबंध नहीं है। किसी जनप्रतिनिधि को बदनाम करने या दिखावटी कार्रवाइयों से नशे की समस्या समाप्त नहीं होगी। इसके लिए ज़मीनी स्तर पर ईमानदार, कठोर और निरंतर लड़ाई लड़नी होगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे की आपूर्ति करने वाली जड़ों को काटना ही इस सामाजिक अभिशाप से मुक्ति का एकमात्र रास्ता है। इसके लिए प्रशासन को राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर काम करना होगा और समाज के हर वर्ग को इस लड़ाई में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी।