राजनितिक षड्यंत्र रच कर धनबल से जीतना चाह रहे पूर्व निर्दलीय विधायक : डॉ पुष्पेंद्र
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम का आपरेशन लोटस फेल पूर्ण रूप से स्थिर है प्रदेश में कांग्रेस सरकार
हमीरपुर के पूर्व निर्दलीय विधायक कई राजनितिक षड़यंत्र रचकर धनबल से एक बार फिर जीतना चाह रहे है। वे ये नहीं जानते कि इस बार हमीरपुर की जनता जिला से मुख्यमंत्री के साथ है और वे चाह कर भी नहीं जीत सकते है। ये बात हमीरपुर के कॉग्रेस प्रत्याशी डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर डोर टू डोर प्रचार करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा कॉग्रेस सरकार को गिराने के लिए चलाया ऑपरेशन लोट्स अब ख़त्म हो चूका है। अब उनके द्वारा की जा रही बातों का कुछ भी मतलब नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि इसी मसले का हिस्सा बने स्थानीय पूर्व निर्दलीय विधायक बिना मतलब के उछल खुद कर रहे है। अब उनका हमीरपुर में कुछ नहीं होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि विधायक पद सर त्यागपत्र देकर उन्होंने स्थानीय जनता से सहानुभूति लेने का प्रयास किया जिसका अब कोई मतलब नहीं रह गया है। जनता को समझाने कि जरूत नहीं है, जनता सब जानती है कि इन्होंने अपने पद से त्यागपत्र क्यों दिया है। यदि कांग्रेस के साथ नहीं चलना होता तो बिना त्यागपत्र के भी वे भाजपा के साथ चल सकते थे। फिर ऐसी नौबत क्यों आने दी। वास्तव में ये धनबल से अहंकारी हो गए है। ये सोचते है कि धनबल से ये एक बार फिर चुनाव जीत जाएँगे। उन्होने हमीरपुर के जनादेश को भाजपा में बेचकर, फिर लोगों को गुमराह करने आ गए। इन्हे तो अपनी करनी पर घर बैठकर पश्चाताप करना चाहिए। डॉ पुष्पेंद्र ने कहा कि गत चुनावों में हारने के बाद भी वे जनता के दरबार में ही रहे। अच्छी बुरे समय में वे जनता के साथ रहे, लेकिन ये लोग गत चुनावों में व्यपारी की तरह इन्वेस्ट कर चुके अपने पैसे पर प्रॉफिट लाने के सिवाय कुछ नहीं कर पाए। जब मुख्यमंत्री ने इनके काले कारनामो पर लगाम लगाने शुरू कर दी तो इन लोगों ने मुख्यमंत्री हमारे काम नहीं करने का बहाना लगा कर उनके खिलाफ सरकार तक गिराने के षड्यंत्र में शामिल हो गए। इन्होने करोड़ों लेकर स्थानीय हजारों लोगों के विश्वास को तोड़ा है अब जनता इन्हे पूरी तरह सबक सिखाएगी। इस अवसर पर कांग्रेस के पदाधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। दूसरी ओर प्रदेश के तकनिकी मंत्री राजेश धर्मणी, केसीसी बैंक के चेयरमैन कुलदीप पठानिया सहित अन्य ने आयोजित नुक्कड़ सभाओं में पूर्व निर्दलीय विधायक द्वारा दिए गए त्यागपत्र को लेकर जनता से आग्रह किया कि जनता उनसे पूछे कि जब वे बिना त्यागपत्र दिए भी भाजपा के साथ जा सकते थे तो फिर उनके द्वारा दिए गए वोटों का त्याग क्यों किया गया।