बड़सर के स्कूल भवनों के लिए मिलेगा पर्याप्त बजट : इंद्र दत्त लखनपाल
शिक्षकों के पदों को भरने के लिए विस्तृत कार्य योजना बना रही है सरकार स्कूल प्रबंधन समितियों से संबंधित सभी मुद्दों का किया जाएगा समाधान
बिझड़ी 15 फरवरी।
विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा है कि बड़सर विधानसभा क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों की कायाकल्प की जाएगी। इन स्कूलों के भवनों के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाएगा तथा प्राइमरी स्कूलों में खाली पदों को जल्द ही भरा जाएगा। इन पदों को भरने के लिए प्रदेश सरकार एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर रही है। बुधवार को बिझड़ी ब्लॉक के स्कूलों की स्कूल प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों तथा पंचायत जनप्रतिनिधियों की एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए इंद्र दत्त लखनपाल ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा में कम्युनिटी यानि लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा शिक्षण संस्थानों के बेहतर संचालन के लिए स्कूल प्रबंधन समितियों के गठन का प्रावधान किया गया है। किसी भी शिक्षण संस्थान के विकास में स्कूल प्रबंधन समितियों और स्थानीय पंचायतों के पदाधिकारी बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल प्रबंधन समितियों और इनके माध्यम से रखे गए कर्मचारियों से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान करेगी।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई थी, जिससे इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। प्रदेश के कई स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समितियों के माध्यम से भी शिक्षक तैनात किए गए हैं। विधायक ने कहा कि यह मामला वर्तमान प्रदेश सरकार के ध्यान में है और शिक्षकों की स्थायी भर्ती के लिए सरकार जल्द ही बड़े कदम उठाने जा रही है।
इस अवसर पर विधायक ने स्कूल प्रबंधन समितियों और पंचायत जनप्रतिनिधियों की ओर से उठाए गए विभिन्न मुद्दों का जल्द समाधान करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्कूल बणी में वाटर कूलर, प्राइमरी स्कूल झंजियानी और बल्ला में रास्ते के निर्माण, प्राइमरी स्कूल बंूबलू और चकमोह में चहारदिवारी और प्राइमरी स्कूल करेर में कमरों के निर्माण के लिए धनराशि का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने इनके लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि क्षेत्र के जिन स्कूलों के भवन जर्जर हो चुके हैं, उनकी जगह नए भवनों के निर्माण के लिए भी वे प्राक्कलन तैयार करवाएं, ताकि इनके लिए भी धनराशि का प्रावधान किया जा सके।