केंद्र सरकार द्वारा अर्थ व्यवस्था पर लाया गया शवेत पत्र भाजपा सरकार के 10 वर्ष के कुशासन की काली करतूतों पर पर्दा डालने का प्रयास

केंद्र सरकार द्वारा अर्थ व्यवस्था पर लाया गया शवेत पत्र भाजपा सरकार के 10 वर्ष के कुशासन की काली करतूतों पर पर्दा डालने का प्रयास

केंद्र सरकार द्वारा अर्थ व्यवस्था पर लाया गया शवेत पत्र भाजपा सरकार के 10 वर्ष के कुशासन की काली करतूतों पर पर्दा डालने का प्रयास मात्र है। प्रदेश कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने जारी ब्यान में कहा कि भाजपा सरकार का यह स्वेत पत्र इनके शासनकाल में बढ़ी असीमित महंगाई,बेरोज़गारी,अन्याय,
महिला उत्पीड़न और देश में नफराती वातावरण को प्रमोट करने की राजनीति से देशवासियों का ध्यान भटकाने की रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्व के प्रख्यात अर्थशास्त्रियों में शुमार हैं और  जब विश्व के तमाम देशों की अर्थव्यवस्ताएं ध्वस्त हो रही थी उन्होंने पहले वित्त मंत्री के रूप में तथा उसके पश्चात प्रधानमन्त्री के रूप में भारत की अर्थव्यवस्था को न केवल संभाला अपितु मजबूती के साथ आगे बढ़ाते हुए देश को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति तौर पर स्थापित किया।कौशल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जिनकी डिग्रियां और शैक्षणिक योग्यता विवादों में है उनके द्वारा एक विद्वान के नेतृत्व बाली सरकार पर ऐसे आरोप मात्र राजनीति से प्रेरित ही हो सकते हैं। यू पी ए की सरकार ने देश में क्रांतिकारी बदलाव करते हुए मनरेगा और खाद्य सुरक्षा
अधिनियम जैसे कानून और योजनाएं बनाई तथा भ्रष्टचार के विरुद्ध सख्त एवं निर्णायक कार्यवाही करने के उद्देश्य से प्रवर्तन निदेशालय का गठन किया जिसका इस्तेमाल भाजपा सरकार भ्रष्टाचार नहीं अपितु विपक्ष को उत्पीड़ित करने एवं भ्रष्चरियों को भाजपा में शामिल करने के लिए कर रही है।