राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) कार्यान्वयन के तीन वर्षों की प्रगति के तहत भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में प्रेस वार्ता आयोजित

29 जुलाई को दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी होंगे शामिल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) कार्यान्वयन के तीन वर्षों की प्रगति के तहत भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में प्रेस वार्ता आयोजित

भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रेस वार्ता आयोजित की गई। जिसे भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, पत्र सूचना कार्यालय, शिमला तथा कौशल विकास एवं उद्यम के क्षेत्रीय निदेशालय द्वारा संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। पत्रकार वार्ता को संस्थान के राष्ट्रीय अध्येता प्रोफेसर आनंद कुमार तथा प्रोफेसर हरपाल सिंह ने संबोधित किया।प्रेस वार्ता के दौरान प्रोफेसर आंनद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विकसित पाठ्यक्रम छात्रों को अत्यधिक लचीले ढांचे में बहु-विषयक और समग्र शिक्षा के अवसर प्रदान करता है जैसा कि परिकल्पित किया गया है। उन्होंने आधुनिक शिक्षा और भारतीय ज्ञान परंपरा को समावेश के बारे में बताते हुए संस्थान द्वारा इस दिशा में किए जा रहे नवाचारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जहां आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी अत्याधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं, वहीं शिक्षा नीति 'भारतीय ज्ञान प्रणाली' पर पाठ्यक्रम भी पढ़ाती है। नई शिक्षा नीति उद्योग के सहयोग से व्यावसायिक कौशल विकसित करने में भी सक्षम बनाती है और स्वरोजगार को बढ़ावा देती है।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए संस्थान के राष्ट्रीय अध्येता प्रोफेसर हरपाल सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति व्यक्ति को शिक्षित करने के साथ साथ आत्मनिर्भर बनाने की भी बात करती है। यह राष्ट्रीय कर्तव्यों के प्रति व्यक्ति सजग करते हुए उसे अपने राष्ट्र के प्रति दायित्वों का भी ज्ञान करवाती है। विभिन्न विषयों में परस्पर अंर्तसंबंधों का अन्वेषण करते हुए अध्ययन की स्वतंत्रता प्रदान करती है और उसके प्रावधान उपलब्ध करवाती है। प्रोफेसर हरपाल सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में किसी भी विषय पर अध्ययन करने की सुविधा देती है जो कि मौलिक ज्ञान के विकास में सहयोग करता है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) कार्यान्वयन के साथ कौशल विकास पहल को एकीकृत करने पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। शिक्षा नीति में आज के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में छात्रों को रोजगार के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल से लैस करने के महत्व पर जोर दिया गया है। उन्होंने कौशल विकास कार्यक्रमों एवं शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य सिद्धान्तिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच अंतर को पाटना है।पत्रकार वार्ता के दौरान विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए दोनों वक्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारतीय ज्ञान प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से प्रकाश डाला। विभिन्न प्रायोगिक समस्याओं के समाधान के बारे में भी चर्चा की गई।पत्रकार वार्ता के दौरान उपरोक्त ववक्ताओं सहित संस्थान के अधिकारी, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यम विभाग के अधिकारी एम एल वर्मा, केंद्रीय विद्यालय संगठन के अधिकारी गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्थान जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक ने किया।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ के जश्न के साथ, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी 29 जुलाई 2023 को आईटीपीओ, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करेंगे। शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम, भारत के शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न नवीन पहल शुरू करने के लिए एक मंच बनने का वादा करता है।