वैक्सीनेशन से न छूटे कोई भी बच्चा : अमरजीत सिंह
उपायुक्त ने की स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा

उपायुक्त अमरजीत सिंह ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण एवं प्रतिरक्षण कार्यक्रम की जिला स्तरीय टास्क फोर्स, सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा (आईडीसीएफ) की जिला स्तरीय समन्वय समिति और विभाग के अन्य कार्यक्रमों से संबंधित जिला स्तरीय समितियों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करके इन कार्यक्रमों की समीक्षा की।
उपायुक्त ने कहा कि छोटे बच्चों को अलग-अलग समय पर 12 वैक्सीन पूरी तरह निशुल्क दी जाती हैं जो इन्हें कई रोगों से बचाती हैं। उन्होंने कहा कि जिला में लगभग 97.6 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी अस्पतालों मंे ही करवाई जा रही है, जिससे वैक्सीनेशन की कवरेज की प्रतिशतता भी काफी अच्छी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न टीकाकरण एवं प्रतिरक्षण कार्यक्रमों तथा स्वास्थ्य के अन्य मानकों में जिला हमीरपुर का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा है। लेकिन, यहां प्रवासी श्रमिकों की संख्या काफी ज्यादा होने के कारण कई प्रवासी बच्चों के टीकाकरण से महरूम रहने की आशंका बनी रहती है। इस दिशा में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा आयुर्वेद विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, अन्य विभागों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका भी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
उपायुक्त ने कहा कि पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए एक मई से 30 जून तक सघन डायरिया नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अभी तक लगभग 10,519 बच्चों को ओआरएस के 17,259 पैकेट और जिंक की 1,13,513 गोलियां बांटी जा चुकी हैं। इस दौरान डायरिया के 18 मामलों का पता भी चला है। अमरजीत सिंह ने कहा कि भारत मंे हर वर्ष लगभग 62 हजार बच्चों की मौत डायरिया से होती है। इनमें से अधिकांश मौतें गर्मियों और मॉनसून सीजन के दौरान ही होती हैं। आईडीसीएफ का उद्देश्य बच्चों की इन मौतों के आंकड़े को शून्य पर लाना है। इसलिए, जिला का कोई बच्चा इस अभियान से नहीं छूटना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों के अलावा जिला के दूरस्थ गांवों में हेल्थ वर्करों, आशा वर्करों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से भी ओआरएस और दवाइयां घर-घर पहुंचाई जा सकती हैं।
उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे पानी की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें तथा नियमित रूप से सैंपलिंग एवं टैस्टिंग करवाएं। स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों की टंकियां भी साफ होनी चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि गंभीर बीमारियों के शिकार 18 वर्ष तक के बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना के तहत निशुल्क उपचार किया जाता है। इनमें बड़े ऑपरेशन भी शामिल हैं। उन्हांेने महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि अगर उनके ध्यान में कोई इस तरह का मामला आता है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।
बैठक में सीएमओ डॉ. प्रवीण चौधरी और टीकाकरण एवं प्रतिरक्षण अभियान के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अजय अत्री ने इन अभियानों की प्रगति का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में खंड चिकित्सा अधिकारियों तथा इन अभियानों से संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।