सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करें युवाः शुक्ल
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने गौरवमयी इतिहास को याद रखें तथा सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करें। उन्होंने कहा कि भगवान राम ही विरासत है, संस्कार हैं और भारत के प्राण हैं।
राज्यपाल गत सायं शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में संस्कार भारती की हिमाचल इकाई द्वारा अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में प्रसन्नता की लहर है क्योंकि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या आज दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी बन गई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इतिहास को विकृत करने का कार्य किया उनपर हमने आज विजय प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि कई धर्मों का प्रादुर्भाव अयोध्या से हुआ और आज भी देश-विदेश के विभिन्न संप्रदायों के लोग अयोध्या आकर अपने पूर्वजों की खोज करते हैं। उन्होंने कहा कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को न केवल भारत में बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों ने दीपावली के तौर पर मनाया क्योंकि उनकी भावनाएं भगवान राम से जुड़ी हैं।
राज्यपाल ने श्री राममंदिर आंदोलन से जुड़ी अपनी स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि वे मंदिर आंदोलन के दौरान जेल गए और आज वर्चुअल तौर पर दिव्य मूर्ति के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दृढ़ता से 11 दिनों तक उपवास किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि आज भावी पीढ़ी जो अपनी संस्कृति और इतिहास को भूला रही थी आज पुनः राम के नाम का स्मरण कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्कारित रहकर भारत की उन्नति के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत आज तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है निश्चित तौर पर 2028 तक हम दुनिया की तीसरी बढ़ी अर्थ व्यवस्था बन जाएंगे।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने कलाकारों को सम्मानित किया।
इससे पूर्व, संस्कार भारती के प्रांत अध्यक्ष एवं केंद्रीय ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. नंदलाल ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया। संघ चालक केशव नगर शिमला श्री लोकेश सूद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
कलाकारों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।
राज्पाल के सचिव श्री राजेश शर्मा, मातृवंदना के प्रांत अध्यक्ष एवं हेडगेवार स्मारक समिति के अध्यक्ष श्री अजय सूद तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने ऐतिहासिक रिज मैदान पर दीपोत्सव में भाग लिया और दीप प्रज्जवलित कर भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में दीपोत्सव का शुभारम्भ किया।