मुख्यमंत्री ने हमीरपुर में आयोजित एंटी-चिट्टा अवेयरनैस वॉकथॉन का नेतृत्व किया कहा, पुलिस के रडार पर हैं संदिग्ध

चिट्टा रूपी दीमक को जड़ से समाप्त करने की दिशा में सख्त और निर्णायक कार्रवाई कर रही सरकारः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने हमीरपुर में आयोजित एंटी-चिट्टा अवेयरनैस वॉकथॉन का नेतृत्व किया कहा, पुलिस के रडार पर हैं संदिग्ध
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में मादक पदार्थ चिट्टे के खिलाफ व्यापक जन आंदोलन के तहत आज हमीरपुर में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) के खेल मैदान से पुलिस लाइन दोसड़का ग्राउंड तक आयोजित एंटी चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन का नेतृत्व किया, जिसमें समाज के सभी वर्गों ने भाग लिया। इनमें भारी संख्या में विद्यार्थी, जन प्रतिनिधि, अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने वॉकथॉन आरम्भ होने से पहले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) के खेल मैदान में उपस्थित लोगों को चिट्टे और मादक पदार्थों के सेवन के खिलाफ जागरूकता शपथ भी दिलाई। पुलिस लाइन ग्राउंड दोसड़का में उपस्थित जनसैलाब को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल चिट्टे के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ रहा है। प्रदेश में युवाओं के भविष्य को खोखला कर रहे चिट्टा जैसे घातक नशे के विरुद्ध राज्य सरकार आर-पार की लड़ाई लड़ रही है। चिट्टा रूपी दीमक को जड़ से समाप्त करने की दिशा में सख्त और निर्णायक कार्रवाई की जा रही है। नशे के इस अवैध नेटवर्क से जुड़े तस्करों, सप्लायरों और उनका संरक्षण देने वालों पर एक-एक कर शिकंजा कसा जा रहा है। चिट्टा के कारोबार से जुड़े संगठित गिरोहों की कमर तोड़ने के लिए तकनीक, खुफिया तंत्र और कड़े कानूनों का प्रभावी इस्तेमाल किया जा रहा है। ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संकल्प के अनुसार चिट्टा सौदागरों की पहचान, नाम और नेटवर्क सब मिटा देगी। यह जन आंदोलन, प्रदेश के लोगों की पुकार और हिमाचल की अस्मिता का युद्ध है। उन्होंने कहा कि इस महा आंदोलन को आरम्भ हुए 30 दिन हो चुके हैं। इस दौरान 22 नवम्बर को हिमाचल के इतिहास में पहली बार पूरे प्रदेश में पुलिस द्वारा एक साथ 121 स्थानों पर छापामारी की गई। बड़े तस्करों के नेटवर्क पर सीधा प्रहार किया गया तथा तीन दिन बाद 41 शिक्षण संस्थानों, 598 दुकानों, बाजारों और कॉलेजों के आसपास गहन छानबीन की गई। 12 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए और 385 चालान किए गए। उन्होंने कहा कि 7 दिसंबर को पीआईटी एण्ड एनडीपीएस के तहत एक साथ प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 16 नामी तस्करों को हिरासत में लिया गया। इस अधिनियम के तहत अब तक 63 तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 1214 तस्कर और संदिग्धों की पहचान तथा 950 अवैध संपत्तियां सीमांकित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने तीन वर्ष में एनडीपीएस के तहत 13 करोड़ रुपये की चल-अचल सम्पत्ति जब्त की, जबकि वर्तमान सरकार ने अब तक 50 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल जब्त की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चिट्टे के खिलाफ बहुस्तरीय व बहुआयामी कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में नशा निवारण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में नशा मुक्ति रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड का गठन भी किया गया है। श्री सुक्खू ने कहा कि हम नशे के चंगुल में फंसे युवाओं को समाज की मुख्य धारा में ला रहे हैं। उन्होंने प्रहारक शब्दों में कहा कि चिट्टे के माफिया और उनसे जुड़े तस्करों की सूचना देने वालों को दस हजार रुपये से 10 लाख रुपये तक ईनाम दिया जाएगा और गोपनीयता 100 प्रतिशत होगी। उन्होंने वीरभूमि हमीरपुर से चिट्टा का समूल नाश करने के लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट होने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशामुक्त हिमाचल के लक्ष्य को जमीनी स्तर पर हासिल करने के लिए 15 दिसम्बर को प्रदेश की 234 सबसे ज्यादा नशा प्रभावित पंचायतों और शहरी निकायों में नशा निवारण समितियों की बैठकें आयोजित की गई हैं। इन बैठकों के दौरान जन भागीदारी को सशक्त बनाने तथा स्थानीय हालात का आकलन करने के दृष्टिगत व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श किया गया। एंटी चिट्टा अवेयरनेस वॉकथॉन के दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों से संवाद भी किया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि चिट्टा किस प्रकार सेहत और समाज के लिए खतरा बन गया है। उन्होंने बच्चों को अपने आस-पास के लोगों को चिट्टे व मादक पदार्थों के दुष्प्र्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर गुब्बारे व अन्य माध्यम द्वारा नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। पुलिस विभाग ने नशे के दुष्प्रभावों के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने वॉकथॉन के आयोजन के लिए पुलिस विभाग और सहभागियों के प्रयासों की सराहना की। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू, विधायक सुरेश कुमार व कैप्टन रणजीत सिंह, एपीएमसी के अध्यक्ष अजय शर्मा, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, पुलिस महानिदेशक आशोक तिवारी, उपायुक्त अमरजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक बलबीर सिंह, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, नशा मुक्ति, रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड के संयोजक व सलाहकार नरेश ठाकुर, उप-संयोजक संजय भारद्वाज, कांग्रेस नेता पुष्पेन्दर वर्मा, सुभाष ढटवालिया, व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।