मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से साकार हुआ आयुर्वेदिक अस्पताल स्थापित करने का सपना

बैंक से 12 लाख रुपये का ऋण और सब्सिडी पाकर आयुर्वेदिक अस्पताल चला रहे हैं अनुपम शर्मा

मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से साकार हुआ आयुर्वेदिक अस्पताल स्थापित करने का सपना

हमीरपुर 14 सितंबर। किसी भी युवा का उद्यमी बनने का सपना हो या अपना कारोबार आरंभ करने की इच्छा या फिर नौकरी के पीछे भागने के बजाय अपने स्तर पर ही स्वरोजगार के लिए कुछ नया करने का जज्बा। ऐसे युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं को नए पंख प्रदान कर रही है हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना।
   इसी योजना का लाभ उठाकर हमीरपुर शहर के हीरानगर के एक युवा अनुपम शर्मा ने अपने सपनों को साकार किया और आज वह ‘निरामया आयुर्वेदा’ के नाम से एक ऐसा आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित कर रहे हैं, जिसमें भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद से संबंधित संपूर्ण एवं समग्र उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। योग, आयुर्वेद, पंचकर्मा, आहार चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, नेचुरोपैथी और पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति से संबंधित की जाने वाली लगभग सभी क्रियाओं की सुविधा इस अस्पताल में उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत मिले ऋण एवं सब्सिडी के कारण ही यह संभव हो पाया है।


  अनुपम शर्मा ने बताया कि योग और आयुर्वेद की लगातार बढ़ती लोकप्रियता तथा इस क्षेत्र में स्वरोजगार की असीम संभावनाओं को देखते हुए वह एक बेहतरीन अस्पताल खोलना चाहते थे। लेकिन, पैसे की कमी के कारण उनका यह सपना साकार नहीं हो पा रहा था। इसी बीच, उन्हें उद्योग विभाग के अधिकारियांे से हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में मशीनरी एवं उपकरण स्थापित करने के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की तथा मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से वित्तीय मदद के लिए आवेदन किया।
 मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत अनुपम शर्मा को बैंक से 12 लाख रुपये का ऋण और सब्सिडी भी मिली। बैंक से ऋण मिलते ही अनुपम शर्मा ने निरामया आयुर्वेदा अस्पताल में मशीनरी एवं उपकरण स्थापित किए तथा मरीजों के लिए एक ही छत के नीचे कई पारंपरिक चिकित्सीय क्रियाएं आरंभ कीं। बेहतरीन इनफ्रास्ट्रक्चर के कारण अब इस अस्पताल को पतंजली वैलनेस सेंटर के रूप में भी मान्यता मिल गई है।
 अब ‘पतंजली वैलनेस निरामया आयुर्वेदा’ अस्पताल हीरानगर में बड़ी संख्या में लोग योग, आयुर्वेद, पंचकर्मा, आहार चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, नेचुरोपैथी और अन्य पारंपरिक चिकित्सीय क्रियाओं के माध्यम से अपना उपचार करवा रहे हैं। इस अस्पताल में विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सक और प्रशिक्षित कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यानि अनुपम शर्मा मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की मदद से आयुर्वेदिक चिकित्सालय का सफलतापूर्वक संचालन करके कई अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं।
  इस प्रकार, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना अनुपम शर्मा जैसे कई युवाओं के सपनों को साकार कर रही है। इस योजना के अंतर्गत 18 से 45 वर्ष के युवा और 50 वर्ष तक की महिलाएं अपना उद्यम स्थापित कर सकते हैं। ऐसे युवा उद्यमियों द्वारा एक करोड़ रुपये तक का निवेश किए जाने पर 60 लाख रुपये तक की मशीनरी एवं सिविल वक्र्स पर सामान्य वर्ग के आवेदक को 25 प्रतिशत, एससी-एसटी एवं ओबीसी के आवेदक को 30 प्रतिशत और महिलाओं एवं दिव्यांगों को 35 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। इसके अलावा ब्याज पर भी 5 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है।
 जिला हमीरपुर में अभी तक इस योजना के तहत 502 प्रस्ताव मंजूर किए जा चुके हैं, जिनमें लगभग 88 करोड़ 30 लाख रुपये का निवेश हुआ है। लगभग 1600 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देने वाले इन उद्यमों को करीब 33 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है।