मंत्रिमंडल की बैठक में बड़ा फैसला : 780 आशा वर्कर रखेगी सरकार, टोल बैरियर फिर से होंगे नीलाम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में ओपीएस बहाल करने के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत इन्सेंटिव (प्रोत्साहन) आधार पर 780 आशा वर्कर रखने का निर्णय लिया गया। यह सामुदायिक स्तर पर सुगम और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाने में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करेंगी। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सामुदायिक प्रक्रिया कार्यक्रम के अंतर्गत आशा सेवा प्रदाता (फेसिलिटेटर) रखने के लिए दिशा-निर्देशों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और बीपीएल परिवारों के पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 600 रुपये प्रति विद्यार्थी राशि हस्तांतरित करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
यह राशि स्कूल की वर्दी के लिए इन विद्यार्थियों अथवा उनकी माता के नाम हस्तांतरित की जाएगी और इससे राज्य के लगभग 3.70 लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश टोल्ज एक्ट, 1975 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए टोल बैरियर को नीलामी एवं निविदा प्रक्रिया के माध्यम से पट्टे पर देने की भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने वन विभाग के अभियांत्रिकी स्टाफ का युक्तिकरण करने को भी स्वीकृति प्रदान की और इन 26 अभियांत्रिकी स्टाफ की सेवाएं लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड और हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटिड में समाहित की जाएंगी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने योल खास कंटोनमेंट बोर्ड से बाहर सिविल क्षेत्र को साथ लगती ग्राम पंचायतों रक्कड़, बाघनी, तंगरोटी खास और नरवाणा खास में सम्मिलित करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की।