विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री की ब्यानबाजी पर किया पलटवार
विधानसभा क्षेत्र सदर से विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की लंबलू में हुई जनसभा के दौरान उनके द्वारा की गयी ब्यानबाजी पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस इलाके में मुख्यमंत्री जनसभा कर रहे थे वहीं के तीन संस्थान उन्होंने बंद करा दिए। उस समय उनके समक्ष इन संस्थानों को डिनोटिफाई न करने की अपील भी की, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं माने। उन्होंने जयराम सरकार में दिये गये डिग्री कॉलेज, पीएचसी, पशु औषधालय बंद कर दिये। मुख्यमंत्री दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरह बन चुके हैं जो सिर्फ खुद को ईमानदार बताते हैं और बाकियों को बेईमान कहते हैं। लेकिन अब जेल के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खनन माफिया कह कर आरोप लगाते हैं और हर जनसभा में कहते हैं कि तथ्य सामने लाएंगे, लेकिन तथ्यविहीन बातें कर मुख्यमंत्री लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। जनता को भलीभांति पता है और वह मुख्यमंत्री के इन झूठे आरोपों व बयानबाजी में आने वाले नहीं है। अगर मुख्यमंत्री के पास तथ्य हैं तो सामने लाएँ, लेकिन अफवाहे न फैलाएँ। तथ्य सामने लाने के लिए चुनावों से और ज्यादा उचित समय और क्या हो सकता है। हर जनसभा में मुख्यमंत्री झूठ बोल कर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरा विधानसभा क्षेत्र मुझे जानता है कि मेरा क्रेशर का व्यवसाय है, जिसे नियमों के तहत किया जाता है। मुख्यमंत्री बताएँ कि सरकार बनते हि सारी माइनिंग पॉलिसी को क्यों बदल दिया। सिर्फ नादौन के एक व्यक्ति को फायदा देने के लिए माइनिंग पॉलिसी में बदलाव क्यों किया गया? मुख्यमंत्री बताएँ कि वह व्यक्ति कौन है? खनन माफिया तो वह लोग हैं जिन्होंने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सत्ता का दुरूपयोग किया। मुझे मेरे विधानसभा क्षेत्र के लोग अच्छी तरह से जानते हैं। इसी जन्म व कर्म भूमि में रहकर लोगों की सेवा कर रहा हूँ। मुख्यमंत्री झूठ बोलते कि उनसे टेंडर लगवाने को कहा। बड़े दुर्भाग्य की बात है की ऊँचे पद पर बैठकर मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं क्यूंकि सभी जानते हैं कि टेंडर ऑनलाइन होते हैं और जिसने कम रेट भरा होता है उसे टेंडर मिलता है। मुख्यमंत्री ये सब झूठ बोलने की बजाए अपनी झूठी गारंटियों पर ध्यान दें। न महिलाओं को पंद्रह सौ आया न युवाओं को नौकरी मिली। विधानसभा चुनावों में जनता तय कर देगी कि कौन सच की राजनीति कर रहा है और कौन झूठ व मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए राजनीति कर रहा है। सुजानपुर के तत्कालीन विधायक राजेंद्र राणा के कार्यक्रम में जाने के बाद से ही मुख्यमंत्री ने ग्यारह माह मिलने का समय नहीं दिया। राणा कांग्रेस के विधायक थे और यह मुख्यमंत्री की इतनी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है कि आशीष शर्मा राणा के कार्यक्रम में क्यों गया। मैंने मुख्यमंत्री के पाँव पकड़कर माफ़ी तक मांगी लेकिन मुख्यमंत्री ने चार दिन शिमला सुबह से शाम तक मिलने के लिए बैठाय रखा और बाद में तीन माह बाद आने को कहा, लेकिन जनता के कार्यों के लिए पांच मिनट का समय तक नहीं दिया। उन्होंने विधायक को जलील कर विधानसभा क्षेत्र की जनता का अपमान कर लोकतंत्र की हत्या की है। फ़रवरी 2024 तक मुख्यमंत्री ने हमीरपुर के महज दो चक्कर लगाए। अपने ही विधायकों को प्रताड़ित करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कहना कि वह हमीरपुर से हैं, गलत हैं। क्योँकि चौदह माह में वह केवल दो दफा हमीरपुर आए वरना शिमला ही रहे। अब इस प्रकरण के बाद वह हमीरपुर आने लगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जितना भी झूठ बोल लें जनता सब जानती है और गुमराह नहीं होगी।