भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए तैयार: अनुराग सिंह ठाकुर

भारत खेलता, खिलता, जीतता और आगे बढ़ता दिख रहा: अमुराग सिंह ठाकुर मोदी सरकार खेलों के साथ नहीं होने देगी कोई खेल: अनुराग सिंह ठाकुर

भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए तैयार: अनुराग सिंह ठाकुर
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए विगत 11 वर्षों में खेल क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मोदी सरकार के उल्लेखनीय प्रयासों व कार्यों पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनी तो पहले ही दिन से खेल के प्रति सरकार का रुख स्पष्ट था। एनडीए सरकार खेल के साथ कोई खेल नहीं होने देगी। खिलाड़ी देश के लिए खेलते हैं इसलिए उनके ट्रेनिंग और जरूरतों को पूरा करना हमारा कर्तव्य है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि खेलेगा भारत और बढ़ेगा भारत। खेल के क्षेत्र में हमर सुपर फाइव में जाने के लिए कदम बढ़ा चुके हैं और 2030 तक भारत की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री 120 बिलियन डॉलर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आज गर्व के साथ कहा जा सकता है कि भारत के पास ऐसे विशाल इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स को आयोजित करने का साधन भी है, साहस भी है और संकल्प भी है और आज अपने भारत अपने सामर्थ के दम पर 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए तैयार खड़ा है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा- “एक वह भी समय था जहाँ युवा एवं खेल मंत्रालय को 800करोड़ के आसपास का वजट देकर निपटा दिया जाता था। आज युवा एवं खेल मंत्रालय का कुल वजट आज 3,794.30 करोड़ रुपए है। देश भर में महिला खेलों को बढ़ावा देने के लिए ASMITA (अचीविंग स्पोर्ट्स माइलस्टोन बाई इन्स्पिरिंग वीमेन थ्रू एक्शन) के अंतर्गत देश भर में 20 खेलों का आयोजन किया गया। इसमें कुल 766 प्रतियोगिताओं में 83,763 महिला खिलाड़ियों की भागीदारी उसी तरह KIRTI (खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन) कार्यक्रम के तहत पूरे भारत में पूरे भारत में 9 से 18 वर्ष के बच्चों में खेल प्रतिभा की पहचान करने के अस्सेस्मेंट कराये जाने की शुरुवात की। अब तक 1.8 लाख से अधिक बच्चों के खेल प्रतिभा का अस्सेस्मेंट हो चुका है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि एक समय था जब अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के पदक तालिका में हम कहीं नहीं होते थे या फिर एक दो पदकों के साथ आखरी पायदान पर कहीं खड़े होते हैं। आज विश्व में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन के चर्चे हो रहे हैं और इन 10 सालों में उपलब्धियों की हमारी एक लंबी लिस्ट है। पेरिस ओलंपिक्स में हमने छह मैडल जीते, पेरिस पैराओलम्पिक में हमारे खिलाडियों ने 29 मैडल जीता जिसमें सात गोल्ड थे। 2023 में एशियन पैरा गेम्स में भारत ने 111 पदक जीते थे। 2024 में भारत ने शतरंज के खेल में विश्व की बादशाहत हासिल की। महज 18 साल की उम्र में गुकेश ने विश्व चैम्पियनशिप का खिताब जीता। 2024 के FIDE शतरंज ओलंपियाड में भारत की टीम ने कुल छह गोल्ड जीते। मोदी सरकार में पिछले कुछ वर्षों में 323 नए स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंज़ूरी दी गई, जिनकी कुल लागत 3073.97 करोड़ रुपये है। एथलीट ट्रेनिंग और डेवलपमेंट के लिए 1041 खेलो इंडिया सेंटर बनाए गए, 32 खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ़ एक्सीलेंस को नोटिफ़ाई किया गया। 301 स्पोर्ट्स एकेडमी को अच्छी ट्रेनिंग के लिए मान्यता दी गई। 2781 खेलो इंडिया एथलीट्स (KIAs) को कोचिंग, इक्विपमेंट, मेडिकल केयर और महीने का आउट ऑफ़ पॉकेट अलाउंस (OPA) दिया गया। KIAs ने 5939 नेशनल रिकॉर्ड और 1424 इंटरनेशनल रिकॉर्ड बनाए। 124 KIAs ने 2022 एशियन गेम्स में भारत के 42 मेडल्स में योगदान दिया, जिसमें 9 गोल्ड मेडल शामिल हैं। पेरिस 2024 ओलंपिक्स के लिए भारत के दल में 28 KIAs शामिल हैं। टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) मोदीजी ने आते ही 2014 में टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) की झड़ी लगा दी और आज की तारीख में पूरे देश से करीब 1050 खिलाड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं।