हिमाचल के हितों की रक्षा करने में विफल रहे जयराम ठाकुर : मुख्यमंत्री
-मुख्यमंत्री रहते भी नहीं रखा पक्ष, नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह नाकाम -अग्निवीर योजना के विरुद्ध नहीं बोले, प्राकृतिक आपदा में विशेष राहत पैकेज की नहीं की मांग
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू मंगलवार दोपहर बाद नादौन पहुंचे। उन्होंने नादौन के गौना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं। मुख्यमंत्री रहते भी वह प्रदेश का पक्ष केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से नहीं रख पाए, अब नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाने में भी पूरी तरह नाकाम हैं। केंद्र सरकार जब अग्निवीर योजना लाए, तब भी कुछ नहीं बोले। प्राकृतिक आपदा के समय केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग तक नहीं कर पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक बयानों के जबाव पर जयराम ठाकुर को विचलित नहीं होना चाहिए। कंगना पर किसी ने भी आपतिजनक टिप्पणियां नहीं की हैं।
कंगना हिमाचल की बेटी हैं और उनके पिता कांग्रेस के महासचिव रहे हैं। जयराम ठाकुर को यह समझना चाहिए कि जब उनकी तरफ से कोई बयान आएगा तो उसका जबाव भी मिलेगा। जयराम ठाकुर बताएं कि हिमाचल के हित में उन्होंने अपनी सरकार के समय कौन स काम किए हैं। जयराम ने कौन सी लडाई प्रदेश हित में लड़ी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि पहले फौज में नवयुवक भर्ती होता था और उसे सरकारी नौकरी मिलती थी। केंद्र सरकार ने युवाओं की सेना की नौकरी भी अस्थायी कर दी और अग्निवीर योजना लाकर युवाओं से खिलवाड किया। जयराम ठाकुर ने अग्निवीर योजना के विरोध में भी कोई आवाज नहीं उठाई। आपदा आने पर भाजपा के तीनों सांसदों ने केन्द्र सरकार के समक्ष कभी विशेष राहत पैकेज की मांग नहीं रखी।
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर के पास कहने के लिए कुछ नही हैं, वह केवल विरोध की राजनीति कर रहे हैं। जयराम ठाकुर ने अपनी सरकार में पांच साल में केवल 16 हजार नौकरियां निकाली, उनमें से जेओआईटी की भर्ती न्यायालयों में फंसी रही। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही न्यायालय में मजबूती से केस लड़कर उन नौकरियों को बहाल करवाया। कांगेस सरकार ने सत्ता में आने के एक साल में ही 22 हजार नौकरियां निकाली है, जिनकी भर्ती प्रक्रिया निरंतर जारी है।