भारत रत्न श्रद्धेय अटल जी की जयंती पर 25 दिसंबर से देश व प्रदेश भर से भाजपा मनाएगी सुशासन दिवस- सुमित शर्मा

भारत रत्न श्रद्धेय अटल जी की जयंती पर 25 दिसंबर से देश व प्रदेश भर से भाजपा मनाएगी सुशासन दिवस- सुमित शर्मा

जानकारी क़ो मीडिया से साँझा करते हुए प्रदेश मंत्री व हमीरपुर संसदीय क्षेत्र संयोजक सुमीत शर्मा ने बताया कि भाजपा आगामी 25 दिसंबर क़ो सुशासन दिवस व 26 दिसंबर क़ो वीर-बाल दिवस क़ो प्रदेश के हरेक मंडल में मनाने की रूपरेखा क़ो तैयार कर लिया है। 25 दिसंबर क़ो अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशों के तहत एवं राज्य अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल कि अगुवाई में इस कार्यक्रम क़ो आयोजित किया जाएगा। हर बूथ में पूर्व पीएम अटल की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। अटल जी का यह जन्म-शताब्दी वर्षभी है, इसके चलते अन्य कार्यक्रम साल भर चलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ने प्रधानमंत्री रहते प्रधानमंत्री सड़क योजना से सुदूर पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्रों में सड़क कि सौगात दी।ऐसी सड़कों पर एक से दो किलोमीटर की पैदल सुशासन यात्रा कर उनके योगदान को याद किया जाएगा। साथ ही स्कूलों व कॉलेजों में उनकी कविताओं का वाचन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित भी किये जाएंगे। 

सुमीत ने बताया वहीं 26 दिसबंर को देश भर में वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि साहिबजादे जोरावर सिंह व फतेह सिंह के बलिदान से एकता का आदर्श ही प्रस्तुत नहीं हुआ, बल्कि देश में धर्म व आस्था का परचम भी स्थापित हुआ है। पीएम मोदी ने उनके इस बलिदान के महत्व को जानते हुए 26 दिसंबर क़ो वीरबाल दिवस से वर्तमान की भारतीय संस्कृति व इतिहास, बलिदान-वीरता से देश की युवा पीढ़ी कैसे सीखे उस दिशा में ऐसे आयोजन से एक सकारात्मक प्रयास किया है। 
उन्होंने बताया कि 1705 में सरसा नदी के पास मुगलों ने गुरु गोविंद सिंह पर हमला किया और इस दौरान उनका परिवार बिछड़ गया। उस समय दोनों बालक नौ वर्षीय जोरावर सिंह  व छः वर्षीय फतेह सिंह अपनी दादी गुजरी देवी के साथ अलग दिशा में बिछड़ गए।कुछ दिनों के बाद तीनों क़ो रसोइए गंगू ने मुगलों से पकड़वा दिया था। जिसमें तीन क़ो कई दिनों तक अति कठिन परिस्थिति में बंदी बनाकर रखा था, उस दौरान भी वीर बालक अपनी दादी द्वारा सुनवाई गई वीर गाथाओं की शिक्षाओं क़ो ग्रहण क़र निर्भीक बने रहे। मुगलों ने उन्हें धर्म परिवर्तन के कई लालच व प्रलोभन दिए जिन्हें उन्होंने पूरी तरह से अस्वीकार क़र दिया।तदोपरान्त उन वीर बालकों क़ो जीवित ही दीवारों में चिनवा दिया गया था, उनके त्याग-बलिदान से युवाओं क़ो अवगत करवाने के लिए प्रदर्शनी भाषण प्रतियोगिता इत्यादि की विवेचना राष्ट्रीय स्तर से लेकर मंडल तक करने की योजना संगठन स्तर पर हो चुकी है।

सुमीत ने बताया कि राज्य के 171 मंडलों में दोनों कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उनके चित्रों पर माल्यापर्ण करके उनके साहसिक व निर्भीक जीवनी का कथन,मार्ग व दिशा पर चलने के लिए समाज क़ो प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सफल आयोजन के लिए संसदीय स्तर के प्रत्येक जिला में उपरोक्त दोनों कार्यक्रमों के लिए संयोजक व सह संयोजक की नियुक्त क़र दी गई है। जिसमे जिला बिलासपुर के लिए संयोजक स्वतंत्र सांख्यान, सह संयोजक के रूप में ब्रिज लाल ठाकुर,प्यारे लाल चौधरी  व नवीन शर्मा क़ो जोड़ा गया जिला हमीरपुर में संयोजक के लिए राकेश ठाकुर सह संयोजक के लिए अजय रिंटू, अनिल. सामा व पवन शर्मा क़ो जोड़ा गया है वहीं जिला ऊना में संयोजक के लिए पहु लाल भारद्वाज सह संयोजक के लिए ओंकार नाथ, मनोहर लाल एवं बलबीर धीमान वहीं जिला देहरा में संयोजक उपेन्दर धीमान एवं सह संयोजक नितिन ठाकुर, आरती राणा व शिवेंद्र सैनी क़ो इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन की ज़िम्मेदारी दी गई है। यही नहीं इनको संसदीय क्षेत्र के कुल 34 मंडल व 1789 बूथ स्तर तक अन्य पदाधिकारियों को जोड़क़र सफल आयोजन के लिए निर्देशित किया गया है। इस मौके पर प्रदेश सचिव राजेश ठाकुर जिला अध्यक्ष देसराज शर्मा, जिला महामंत्री शाम मन्हास, जिला अध्यक्ष संजीव कुमार व नीरज इत्यादि मौजूद रहे।