ये सुक्खू नहीं दुक्खू सरकार है: प्रेम सिंह भरमौरिया
प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर शान्त पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की सेवा में जुटे लाखों कर्मियों के वेतन पर वर्तमान कांग्रेस सरकार का सुक्खू ग्रहण लग गया है। प्रेस को जारी एक बयान में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रेम सिंह भरमौरिया ने कांग्रेस सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में कर्मचारियों का वेतन विलंबित होना वर्तमान सरकार की प्रत्यक्ष विफलता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में प्रदेश की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखे बिना झूठी गारंटियां दीं और ऊपर से मुख्यमंत्री ने अपने मित्रों को खुश करने और झूठी गांरटियों को जबरदस्ती प्रदेश पर थोपने की नाकाम कोशिश में राज्य का खजाना खाली करने में अपने दोनों हाथ लगा दिए हैं। अब प्रदेश में वित्तीय अव्यवस्था से उपज रही स्थिति से सूक्खू पूरी तरह से बौखला गए हैं।
पूर्व कर्मचारी नेता ने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू कर्मचारियों के भविष्यनिधि के धन की गारंटी पर कर्ज़ उठाकर अपने मित्रों को घी पिला रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों का दर्द नहीं समझ रहे हैं। मुख्यमंत्री अपने यारों के वेतन-भत्ते बिना किसी तंगी से बढ़ा रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों को समय पर वेतन तक नहीं मिल रहा है, जिससे उनका सारा बजट बिगड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू अब इतने कन्फ्यूज हो गए हैं कि आए दिन सरकार का खजाना खाली होने का राग अलाप रहे हैं।
वर्तमान सरकार ने कुछ ही माह में हजारों करोड़ का ऋण लेकर करीब 90 हज़ार करोड़ बोझ तले प्रदेश को दबा दिया है। पहली तरीख को दिया जाने वाला वेतन, इस बार राम ही जाने सरकार कब कर्मियों को देगी। भरमौरिया ने कहा कि इससे कर्मचारियों में रोष है, और अब आंदोलन का रास्ता अपनाने की भी तैयारी होने लगी है। अब उन्हें जनता को जबाव देना होगा कि आखिर क्यों असंवैधानिक तरीके से अपने चहेतों को खुश करने के लिए राज्य पर वित्तीय बोझ डालने के लिए इतनी बड़ी फौज सीपीएस, कैबिनेट रैंक व उपाध्यक्षों की खड़ी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू को इस विफलता पर नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देना चाहिए।