विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: भारत-पाक बंटवारे का दर्द, पूर्व मंत्री विक्रम ठाकुर और विधायक आशीष शर्मा समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: भारत-पाक बंटवारे का दर्द, पूर्व मंत्री विक्रम ठाकुर और विधायक आशीष शर्मा समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

15 अगस्त 1947 को मिली आजादी से एक दिन पहले हुए भारत के विभाजन और उस त्रासदी में मारे गए एवं पीड़ित लाखों लोगों की याद में भाजपा ने 14 अगस्त को हमीरपुर बाईपास स्थित बसंत पैलेस में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया, जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष देशराज शर्मा ने की। इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं जसवां प्रागपुर से विधायक विक्रम ठाकुर, हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा, बड़सर के विधायक इंदरदत्त लखनपाल, महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्षा वंदना योगी, पूर्व विधायाक उर्मिल ठाकुर, कमलेश कुमारी, अनिल धीमान, विजय अग्निहोत्री और राजिंदर राणा सरीखे कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

कार्यक्रम के मुख्यातिथि विक्रम ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि इतिहास के सबसे क्रूर प्रकरण के दौरान अमानवीय पीड़ाओं का सामना करने वाले, जीवन खो देने वाले और बेघर हो जाने वाले लाखों लोगों को भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता आज श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उन्होंने आह्वान किया कि इन सच्चाइयों को हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी बताना होगा, ताकि उस पीड़ा को झेलने वाले हिन्दू अल्पसंख्यकों की स्मृतियां सदा हमारे दिलों में अमिट रहें। हमें अपने इतिहास को स्मृति में बसा कर, उससे सीख लेकर एक राष्ट्र और अपने मजबूत भविष्य का निर्माण करना है और एक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से इस दिवस को मनाने की परंपरा राष्ट्रनिर्माण की ओर उठाया गया एक मजबूत कदम है।

इस अवसर पर हमीरपुर सदर विधायक आशीष शर्मा ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिस समय यह प्रकरण हुआ उस समय सभा में बैठे लोगों में से कोई भी पैदा नहीं हुआ था। परन्तु उस बारे में जो भी पढ़ा और सुना है, उसी से दिल सिहर उठता है। विभाजन के समय हिन्दू अल्पसंख्यकों पर जो अत्याचार हुए, वे मानवता की सारी हदों से परे थे। आशीष शर्मा ने विभाजन के उस नरसंहार में लाखों पीड़ित लोगों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर बड़सर विधायक इंदरदत्त लखनपाल ने भी कार्यकर्ताओं के समक्ष अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन कांग्रेस की ही देन थी। वे बहुत पहले से कांग्रेसी विचारधारा से तंग आकर भाजपा के सिद्धान्तों को अपनाना चाहते थे, परन्तु सही समय अभी मिल पाया।

इसके पश्चात सभी वरिष्ठ नेताओं ने सीएक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधारोपण भी किया।