संकट में पड़ गया सायर मेला लदरौर का वजूद, अस्थाई दुकानदारों से हजारों की वसूली कर रहे स्थाई दुकानदार
दुकान के आगे अस्थाई दुकान लगाने के ही वसूल रहे 30 से 40 हजार, अस्थाई दुकानदारों ने बढ़ा दिए सामग्री के रेट, मेले में नाममात्र आवाजाही , व्यापार मंडल ने जताई चिंता, कहा प्रशासन ले कड़ा फैसला
कई दशकों से चला आ रहा उपमंडल भोरंज के तहत आने वाले लदरौर क्षेत्र का ऐतिहासिक सायर मेला अब अपना वजूद खोने लगा है। मेले में लगने वाली अस्थाई दुकानों की संख्या में बेशक इजाफा हुआ है लेकिन मेले में पहुंचने वाले लोगों की संख्या काम हो गई है। मेले में लगी दुकानों से सामान लेने में अब लोग रुचि नहीं दिख रहे क्योंकि अस्थाई दुकानदार हजारों रुपया किराए का देने के बाद सामान की कीमत में बढ़ोतरी कर इसकी वसूली कर रहे हैं। अस्थाई दुकानदारों की मजबूरी है कि उन्हें एक तरफ जहां स्थाई दुकान के आगे बैठने का हजारों रुपए किराया देना पड़ रहा है तो वहीं हजारों रुपए का डाला हुआ सामान भी बेचना है। सबसे बड़ी चुनौती उन अस्थाई दुकानदारों के लिए है जो की सिर्फ छींज और मेले में अस्थाई दुकान लगाकर रोजगार कमा रहे हैं। स्थाई दुकानदारों की मनमर्जी के आगे यह लोग भी विवश हैं और मजबूरी में फिर ग्राहक को दिए जाने वाले सामान में ही कीमत की बढ़ोतरी की जा रही है। व्यापार मंडल लदरोर एवं बाजार सुधार सभा ने वजूद को रहे ऐतिहासिक सायर मेले पर चिंता जाहिर की है।
व्यापार मंडल एवं बाजार सुधार सभा लदरौर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अक्षय कुमार शर्मा, पूर्व प्रधान एवं सलाहकार सुनील कुमार शर्मा, सदस्य हंसराज वर्मा तथा लीलाधर गुप्ता ने बताया कि अब मिला उस स्टार का नहीं रहा है। अस्थाई दुकानदारों से यहां के स्थाई दुकानदार हजारों रुपए वसूल कर रहे हैं। यही वजह है कि अस्थाई दुकानदारों ने अपनी सामग्री के दाम कई गुना बढ़ा दिए हैं।
व्यापार मंडल एवं बाजार सुधार सभा लदरौर के वरिष्ठ उप प्रधान अक्षय कुमार शर्मा ने कहा कि प्रशासन को जगह चिन्हित कर अस्थाई दुकान लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनानी चाहिए। बाजार के आसपास कहीं जगह का चयन कर मेले को वहां पर संचालित किया जाए ताकि अस्थाई दुकानें लगाने वालों को एक उचित दाम पर अस्थाई जगह मिल जाए और ग्राहकों को भी राहत मिले। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि अपनी पहचान खोते जा रहे इस मेले के महत्व को ध्यान में रखते हुए कोई ठोस कदम उठाया जाए।
व्यापार मंडल एवं बाजार सुधार सभा लदरौर के पूर्व प्रधान सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि पहले मिला लोगों से भरा हुआ रहता था। इस बार मिला नाम मात्र का ही है। इसका मुख्य कारण स्थाई दुकानदारों द्वारा दुकान के आगे अस्थाई दुकान का हजारों रुपए किराया वसूलना है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले समय में यह मेला लगना ही समाप्त हो जाएगा।