राज्य सरकार की आर्थिकी सुदृढ़ होगी तो विकासात्मक योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा: संदीप सांख्यान
प्रेस को जारी बयान में प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर ने कहा है कि प्रदेश में फ्रीबीज़ को बढ़ावा देना गलत है। प्रदेश सरकार यदि सुदृढ़ होगी तो विकासात्मक योजनाओं को बल मिलेगा और प्रदेश में विकास की नई इबारत लिखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि आकड़ो पर नज़र डाली जाए तो वित्तिय वर्ष 2023-24 में हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति अनुमानित आय राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से करीब 49000 रुपये अधिक है। प्रदेश में साल 2022-23 में प्रतिव्यक्ति आय 2,18000 रुपये आंकी गई है वहीं प्रदेश में साल 2023-24 में 235000 के करीब रहने का अनुमान है। जो कि पिछले वितीय वर्ष के मुकाबले करीब 16000 रुपये बढ़ने की संभावना है। संदीप सांख्यान ने कहा प्रदेश की माली हालत को सुधारने के लिए कुछ कड़े कदमों की सराहना होनी चाहिए क्योंकि फ्रीबीज़ की अवधारणा अधिक नहीं चल सकती। हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी करीब 93 प्रतिशत खेती-बाड़ी पर निर्भर करती है जो कि इकोलॉजिकल व्यवस्था पर भी आधारित है। लेकिन जब से केंद्र सरकार से प्रदेश सरकार को जीएसटी का मुआवजा मिलना बंद हुआ है तब से आर्थिक तंगी प्रदेश सरकार के लिए चुनौती बनी है। यह केंद्र सरकार का भेदभावपूर्ण रवैया साफ देखा जा सकता है। संदीप सांख्यान ने कहा इसके अलावा प्रदेश से 4 लोकसभा के साँसद केंद्र सरकार में मौजूद हैं और वहीं पर तीन सांसद राज्यसभा में भी हिमाचल प्रदेश से आते हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश आर्थिक तौर पर पक्ष रखने अभी तक फिसड्डी साबित हुए हैं। संदीप सांख्यान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र है और यहां पर विकासात्मक योजनाओं की लागत भी समतल राज्यों की अपेक्षा अधिक आती है तो केंद्र सरकार को चाहिए कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को समतल राज्यों को मिलने वाली राशियों के तराजू में न तोला जाए। संदीप सांख्यान ने कहा यदि प्रदेश की सरकार आर्थिक तौर पर सुदृढ़ होगी तो प्रदेश के नागरिकों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी जिसके कारण रोजगार सृजन होगा, वस्तुओं की डिमांड बढ़ेगी और कंज़म्पशन भी बढ़ेगी। संदीप सांख्यान ने कहा कि प्रदेश में विपक्ष आर्थिक मुद्दे पर कांग्रेस की सरकार को कोसता है लेकिन विपक्ष को चाहिए कम से वह अपने अर्थशास्त्र में ज्ञान वृद्धि कर ले।