शिमला में आयोजित हुई परिचालकों की बैठक के बाद गेट मीटिंग जारी

हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपो हमीरपुर के परिचालकों ने गेट मीटिंग शुरू की है। बीते मंगलवार को शिमला में आयोजित हुई परिचालकों की यह बैठक के बाद गेट मीटिंग जारी रखने का फैसला लिया गया है। वहीं शिमला में परिचालक संघ अनशन पर बैठ गया है।

शिमला में आयोजित हुई परिचालकों की  बैठक के बाद गेट मीटिंग जारी
शिमला में आयोजित हुई परिचालकों की  बैठक के बाद गेट मीटिंग जारी

हमीरपुर (QNN)

शिल्पा शर्मा
हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपो हमीरपुर के परिचालकों ने गेट मीटिंग शुरू की है। बीते मंगलवार को शिमला में आयोजित हुई परिचालकों की यह बैठक के बाद गेट मीटिंग जारी रखने का फैसला लिया गया है। वहीं शिमला में परिचालक संघ अनशन पर बैठ गया है। परिचालक संघ ने बताया कि अनशन  तथा गेट मीटिंग करने का दौर तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार परिचालकों के ग्रेड पे में सुधार नहीं कर देती। वहीं सोमवार को हमीरपुर बस अड्डा पर भी निगम के परिचालकों की गेट मीटिंग आयोजित हुई। वहीं परिचालक ने कहा कि परिचालकों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की तथा सरकार से मांग की है कि इनके ग्रेड पे में जल्द सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि इनके ग्रेड पे में कटौती की गई है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिमला में अनशन शुरू हो चुका है। शिमला में अनशन पर बैठे परिचालक संघ ने हिमाचल के सभी डिपू परिचालक संघ से आह्वान किया है कि इस आंदोलन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएं।  परिचालकों ने कहा कि यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इनके हित के बारे में नहीं सोचती।
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परिचालक विनय राणा ने बताया कि सरकार ने उनके ग्रेड पे में कटौती की है। जिसके चलते धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। 2006 में एचआरटीसी  निगम द्वारा क्लर्क की  कैटेगरी में लाया जाता था उसको भी कम कर दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि उन्हें ग्रेड पे और क्लर्क की पोस्ट के समान अधिकार दिए जाएं । सरकार को 22 जुलाई तक अल्टीमेंटम दिया गया है , अगर 22 जुलाई तक सरकार मांगों को नहीं मानती है तो परिचालक शिमला में एक बैठक करेंगे उसके बाद काम छोडा़े हड़ताल शुरू करेंगे। 
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विनय राणा ने बताया परिवहन मंत्री स्वयं स्वीकार किया है कि यह परिचालक वर्ग डेड कैटेगरी में है। उन्होंने 
कहा कि अगर परिचालक वर्ग डेड कैटेगरी में है तो उसे लाइव किया जाए ओर छठे वेतन आयोग को लागू किया जाए । परिचालकों का कहना है कि कोरोना काल में चालक व परिचालकों ने विभिन्न परिस्थितियों में लोगों को उनके घरो तक पहुंचाया है जिससे कि हमारे कई परिचालक व चालक की कोरोना से मौत भी हुई है। जबकि सरकार द्वारा परिचालकों को कोरोना योद्धा की उपाधि भी दी गई थी । कोरोना योद्धा को सरकार द्वारा दिए जा रहे वेतन मान से नाखुश है।