सीटू ने मणिपुर में महिलाओं के ऊपर हुए बर्बर हमले बलात्कार और हत्या के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन
जिला हमीरपुर में सीटू व अखिल भारतीय महिला जनवादी समिति ने मणिपुर में महिलाओं के ऊपर हुए बर्बर हमले बलात्कार और हत्या के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने जमकर नारेबाजी की ओर प्रदेश भाजपा सरकार के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। उल्लेखनीय है जिस तरीके का केंद्र सरकार का रवैया रहा है मणिपुर को लेकर है उससे साफ जाहिर है कि एक योजना के तहत मणिपुर को और पूर्वोत्तर को आग में झोंकने का प्रयास बीजेपी की विभाजन कारी राजनीति से कर रही है। मणिपुर में धारा 355 लागू है जिसका मतलब है कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के हाथ में है और केंद्रीय एजेंसियां प्रधानमंत्री कार्यालय को ही अपनी रिपोर्ट भेजती है। कितने शर्म की बात है कि एक विशेष समुदाय की दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा पकड़कर निर्वस्त्र किया जाता है सामूहिक बलात्कार किया जाता है और दुर्घटना के चार माह बीतने के बाद भी मोदी सरकार आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती है। यहां तक कि सूचनाओं को ही दफन कर दिया जा रहा है मणिपुर के हालात बेहद संगीन हैं और सैकड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं हजारों लोग घरों से विस्थापित हो चुके हैं। इस अवसर पर सीटू को राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर, जिला सचिव जोगिंदर कुमार, किसान सभा के नेता रंजन शर्मा, जनवादी महिला समिति राज्य सचिव फालमा चौहान , सुशीला रजनी, रजनी, गायत्री, रेखा सैकड़ों महिलाओं ने इसमें भाग लिया।
वहीं सीटू को राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि मणिपुर की इस महिलाओं के ऊपर हुए बर्बर हमले बलात्कार और हत्या करने का सीटू पार्टी इसका विरोध करती है। उन्होंने कहा की ये हमारे देश के लिए बहुत ही शर्म की बात है और उससे भी ज्यादा शर्म की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के लिए है जो कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। आरक्षण के नाम पर वहां पर भड़की हिंसा ने ना केवल पूरी दुनिया में देश के नाम को कलंक पहुंचा है कलंकित किया है बल्कि पूरे पूर्वोत्तर को ही दंगों की आसमान लपेटने का काम मोदी सरकार ने किया है। मोदी सरकार की विभाजनकारी नीतियों के परिणाम स्वरूप पूरे देश में इस तरीके का वातावरण कायम किया जा रहा है और आगजनी सांप्रदायिक हिंसा, क्षेत्र, जाति, के नाम पर दंगों को भड़काने के काम में खुद स्वयं भाजपा और भाजपा की सरकार है लगी है। महीनों से मणिपुर दंगों की आग से झुलस रहा है मगर केंद्र सरकार के कोई भी प्रयास उस हिंसा को रोकने के लिए नजर नहीं आते हैं अलबत्ता सरकार कारवाई नहीं कर रही है वल्कि उसे और बढ़ाने का काम कर रही है पूरे देश में इस तरीके के हालात पैदा किये जा रही है। सीटू संयुक्त तौर पर इस हिंसा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और मोदी और अमित शाह के ईस्तीफे की मांग करता है। वहीं जनवादी महिला समिति राज्य सचिव फालमा चौहान ने कहा की भाजपा ने सबसे पहले गुजरात दंगों के जरिए इस प्रयोग का अमल में लाया फिर कश्मीर में और फिर मणिपुर में और आम चुनावों से पहले प्रदेश के कई हिस्सों को इस तरीके की बर्बरता, सांप्रदायिक हिंसा में धकेेलने की योजनाएं बना रही है। मोदी सरकार चुनाव जीतने के लिए सांप्रदायिक हिंसा का जिस तरीके से सहारा ले रही है यह फासीवादी तरीके हैं जो हमारे देश को बर्बादी की कगार पर ले जाएंगे। उन्होंने कहा की वामपंथी संगठनों ,अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति संयुक्त तौर पर इस हिंसा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और मोदी और अमित शाह के ईस्तीफे की मांग करता है।