हिमाचल प्रदेश सहित पांच राज्यों में बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे 4800 करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश की सीमाओं को मजबूत करने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मंजूरी दी गई। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत हिमाचल प्रदेश सहित लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कुल 19 जिलों के उत्तरी सीमा पर स्थित 2966 गांवों में सडक़ और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। इसके लिए 4800 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। यह बॉर्डर एरिया डिवेलपमेंट प्रोग्राम से अलग होगा। इन योजनाओंका पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। इससे इन राज्यों के सीमावर्ती गांवों में सुनिश्चित आजीविका मुहैया कराई जा सकेगी, जिससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
इसके तहत देश की उत्तरी सीमाओं पर बसे गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार सहकारी समितियों को मजबूत करेगी। विभिन्न उद्देश्यों के लिए अगले पांच साल में दो लाख प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति (पीएसी)/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियां गठित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही मोदी कैबिनेट ने सिंकुलना टनल के निर्माण को भी मंजूरी दी है, जिससे लद्दाख के लिए ऑल वेदर रोड कनेक्टिविटी मिल जाएगी। इसकी लंबाई 4.8 किलोमीटर होगी। इसपर 1600 करोड़ का खर्चा होगा और इससे सैन्य बलों की जमीनी मूवमेंट बढ़ेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-चीन एलएसी पर तैनात रहने वाली आईटीबीपी के लिए सात नई बटालियन, 9400 कर्मियों के साथ एक ऑपरेशनल बेस की स्थापना को मंजूरी दी है।