हमीरपुर में 65 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है अत्याधुनिक बस स्टैंड
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डेढ़ दशक से लटके प्रोजेक्ट को पहनाया अमलीजामा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में लगभग डेढ़ दशक से लटके पड़े अंतर्राज्यीय बस स्टैंड के कार्य के लिए बजट का प्रावधान करके तथा इसका निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करवाकर जिलावासियों के लिए बहुत बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री के विशेष प्रयासों के परिणामस्वरूप ही आज हमीरपुर में लगभग 65 करोड़ रुपये की लागत से बस स्टैंड का बहुमंजिला भवन आकार लेने लगा है।
हिमाचल प्रदेश के बिलकुल मध्यम जोन में स्थित हमीरपुर शहर में लंबे समय से एक आधुनिक सुविधाओं से युक्त तथा अंतर्राज्यीय बसों की आवाजाही एवं पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध करवाने वाले बस स्टैंड की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। क्योंकि, लगभग चार दशक पहले बना जिला मुख्यालय का बस स्टैंड वर्तमान जरुरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है।
लगभग डेढ़ दशक पूर्व हमीरपुर में नए बस स्टैंड की परिकल्पना तो की गई, लेकिन कोई भी सरकार इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को अमलीजामा नहीं पहना सकी।
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व प्रदेश की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में अत्याधुनिक बस स्टैंड के निर्माण का संकल्प लिया तथा इसे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया। मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने गृह जिले के पहले दौरे के दौरान ही ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की घोषणा करके हिमाचल पथ परिवहन निगम, हिमाचल प्रदेश बस अड्डा प्रबंधन एवं विकास प्राधिकरण तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को अत्याधुनिक बस स्टैंड के निर्माण की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
हालांकि, पूर्व की सरकारें इस बस स्टैंड का निर्माण बीओटी आधार पर करवाने की बात कहतीं थीं, लेकिन ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने स्वयं इसका निर्माण करवाने का निर्णय लिया तथा इसके लिए करोड़ों रुपये के बजट का प्रावधान किया।
मुख्यमंत्री ने 6 मार्च 2024 को इसका शिलान्यास किया तथा यह कार्य युद्ध स्तर पर करवाने के निर्देश दिए। आज इस बहुप्रतीक्षित बस स्टैंड का कार्य तेज गति से रहा है। अब वह दिन दूर नहीं है, जब हमीरपुर शहर को एक अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टैंड मिलेगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के विशेष प्रयासों और दृढ़ संकल्प के कारण ही यह संभव हो पाया है।