फ्यूचरिस्टिक लीडरशिप कार्यशाला में चली तनाव मुक्ति की पाठशाला

वन विभाग व जाइका के स्टाफ को पढ़ाया तनाव से मुक्ति का पाठ सिक्थ सेंथ रिसोर्सेस के सीईओ डा. अब्राहम ने सिखाए श्वास के पांच व्यायाम शिमला में आयोजित दो दिनों तक चली कार्यशाला

फ्यूचरिस्टिक लीडरशिप कार्यशाला में चली तनाव मुक्ति की पाठशाला

शिमला।

वन विभाग और जाइका वानिकी परियोजना के अधिकारियों और कर्मचारियों को तनाव से मुक्ति का पाठ पढ़ाया गया। शिमला में दो दिवसीय फ्यूचरिस्टिक लीडरशिप पर चली महत्वपूर्ण कार्यशाला के अंतिम दिन सिक्थ सेंस रिसोर्सेस के सीईओ डा. अब्राहम पी. रूबी ने श्वास के पांच व्यायाम सिखाकर तनाव दूर करने के बेहतरीन टिप्स दिए। उन्होंने लंग्स, किडनी, लीवर, हार्ट और स्पलीन एवं पूर्ण शरीर के व्यायाम करवाए।
इस अवसर पर जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि दो दिवसीय इस कार्यशाला के दौरान वन विभाग और परियोजना के अधिकारियांे एवं कर्मचारियों को तनाव से दूर रहने के वैज्ञानिक तरीके सीखने को मिला। तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला बहुत आवश्यक है। उन्होंने सिक्स सेंस रिसोर्सेस के सीईओ डा. अब्राहम द्वारा सिखाए गए व्यायाम की सराहना की। उन्होंने सभी अधिकारियांें और कर्मचारियों से आहवाहन किया कि जीवन शैली में बदलाव लाने के लिए डा. अब्राहम द्वारा सिखाए गए पांच व्यायाम को प्रतिदिन अमल में लाएं। नागेश कुमार गुलेरिया ने कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी वन एवं जाइका वानिकी परियोजना के अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद किया। कार्यशाला के अंतिम दिन डा. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल, एपीसीसीएफ आर. लनन संगा, सीसीएफ बिलासपुर अनिल शर्मा, सीसीएफ ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क मीरा शर्मा, भारतीय वन सेवा के प्रोबेशन अधिकारी, हिमाचल वन सेवा के अधिकारी, वन मंडलाधिकारी, जाइका वानिकी परियोजना के जैव विविधता विशेषज्ञ डा. एसके कापटा, अतिरिक्त परियोजना निदेशक डीके विज, एपीडी कुल्लू हेमराज भारद्वाज, हिमालयन रिसर्च ग्रुप के निदेशक डा. लाल सिंह, पीएमयू स्टाफ समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।