5 मानदंडों पर खरा उतरने पर ही घोषित होंगी टीबी मुक्त पंचायतें
जिला हमीरपुर की सभी 248 ग्राम पंचायतों में होगा सर्वे: डीसी
टीबी मुक्त अभियान के तहत जिला की विभिन्न ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायतें घोषित होने के लिए उन्हें 5 मुख्य मानदंडों पर खरा उतरना होगा। एक व्यापक सर्वे के दौरान पांचों मानदंडों को पूरा करने वाली पंचायतें ही टीबी मुक्त घोषित की जाएंगी।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि पहले मानदंड के अनुसार टीबी मुक्त अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में एक हजार की आबादी में कम से कम 30 टीबी टेस्ट होने चाहिए। यदि उस पंचायत में टीबी की आशंका वाले लोगों की संख्या अधिक है तो टेस्टों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। यानि किसी व्यक्ति में अगर टीबी जैसे लक्षण हैं तो उसका तुरंत टेस्ट होना चाहिए।
दूसरे मानदंड के अनुसार पंचायत की एक हजार की जनसंख्या पर टीबी के मामलों की संख्या शून्य या अधिकतम एक होनी चाहिए तथा इसकी सूचना तुरंत निक्षय पोर्टल पर दर्ज होनी चाहिए।
तीसरे मानदंड के अनुसार निक्षय पोषण योजना के तहत सभी टीबी मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ पोषण के लिए 500-500 रुपये की राशि दी गई हो या कम से कम पहली किश्त जारी हो चुकी हो। इसके अलावा पीएमटीबीएमबीए के तहत निक्षय मित्रों से पोषण सहायता लेने की सहमति देने वाले सभी उपचाराधीन टीबी रोगियों को निक्षय मित्रों से पोषण सहायता मिल रही हो।
पंचायत में टीबी रोगियों का उपचार सफलतापूर्वक पूर्ण होने की दर 85 प्रतिशत से अधिक होने की शर्त को भी मानदंडों में शामिल किया गया है।
इसके अलावा टीबी रोगियों में टीबी की दवाइयां बेअसर होने संबंधी जांच करने की प्रतिशतता कम से कम 60 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
उपायुक्त ने बताया कि इन सभी पांच मुख्य मानदंडों पर आधारित सर्वे के दौरान जिला की सभी 248 पंचायतों में कम से कम 30-30 लोगों के टीबी टेस्ट किए जाएंगे। इनके अलावा 30 चिह्नित गंभीर रोगों से ग्रस्त सभी लोगों के टेस्ट भी किए जाएंगे। इन मानदंडों को पूरा करने वाली ग्राम पंचायतें आगामी 15 जनवरी तक टीबी मुक्त पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकंेगी और 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य पर टीबी मुक्त पंचायतों की घोषणा की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि इन पंचायतों को पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र तथा महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा दी जाएगी। पंचायत में लगातार दूसरे वर्ष टीबी मुक्त की स्थिति कायम रहने पर प्रशस्ति पत्र एवं महात्मा गांधी की रजत प्रतिमा तथा तीसरे वर्ष भी प्रशस्ति पत्र एवं स्वर्णिम प्रतिमा दी जाएगी।