कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं पूर्णतः चरमरा चुकी हैं: आशीष शर्मा

कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं पूर्णतः चरमरा चुकी हैं: आशीष शर्मा

भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा ने माैजूदा कांग्रेस सरकार पर हमलवार होते हुए कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं पूर्णतः चरमरा चुकी हैं। वह शुक्रवार को जन आशीर्वाद अभियान के तहत ग्राम पंचायत पांडवी, भगेटू  और आघार में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित कर रहे थे। 

इन सभाओं में प्रत्येक गांव से लोगों ने भारी संख्या में पहुंचकर अपना आशीर्वाद आशीष शर्मा को दिया। इस दौरान आशीष शर्मा ने कहा कि अपनी जवानी के महत्वपूर्ण 5 साल जन सेवा में समर्पित किए हैं और अभी भी जनता के लिए ही लड़ाई लड़ रहे हैं। 
यह हमीरपुर के आत्मसम्मान की लड़ाई है। जिसे हमीरपुर की देवतुल्य जनता ने जनादेश देकर विधानसभा पहुंचाया, कांग्रेस सरकार ने उसे हमेशा जलील किया। कांग्रेस सरकार को समर्थन देकर चुपचाप बैठने की बजाय  विपक्ष में बैठकर आवाज उठाना उचित है। समय बलवान है। इसलिए समय को बर्बाद न करते हुए मैने इस्तीफ़ा दिया और अपने लोगों के हित के लिए लड़ाई लड़ रहा हूँ। प्रदेश सरकार लगातार कर्ज के बोझ तले दबती जा रही है, लिए गये कर्ज के ब्याज को भरने के लिए भी और कर्ज लेना पड़ रहा है। 
जनकल्याण की कई योजनाएँ प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बंद कर दी है। कामगार बोर्ड से मिलने वाले लाभ बंद कर दिये गये हैँ। 
युवाओं को रोजगार नहीं हैँ। कांग्रेस परिवारवाद से ग्रसित हो गयी है। परिवार को एडजस्ट करने के लिए किसी भी हद में जाकर ओछी ब्यानबाजी कर रहे हैं। केंद्र में भाजपा सरकार है और प्रदेश के बेहतर भविष्य के लिए सभी भाजपा को भारी संख्या में मत देकर विजयी बनाएँ। उन्होंने सभी से दस जुलाई को कमल के निशान वाला इवीएम का पहला बटन दबाने की अपील की।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के खस्ता हालात 

आशीष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं पूर्णतः चरमरा चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि हिमकेयर और आयुष्मान कार्ड धारकों को आईजीएमसी के जन औषधि स्टोर में सभी दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं, जहां उन्हें ये दवाएं मुफ्त मिलती हैं। इसके अलावा, कुछ विभागों ने कार्ड धारकों की मुफ्त सर्जरी बंद कर दी है, जिसमें स्टेंट और पेसमेकर जैसे महंगे उपकरण/उपकरण का इस्तेमाल होता है।
 उन्होंने बताया कि अप्रैल 2024 तकअकेले आईजीएमसी- शिमला में दोनों योजनाओं के तहत लंबित भुगतान 65 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। पूरे राज्य में यह राशि बढ़कर करीब 300 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
इसी प्रकार, सहारा योजना के बंद होने से कैंसर, लकवा, पार्किंसंस, थेल्सीमिआ जैसी गंभीर बिमारियों से पीड़ित गरीब लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।अधिकांश दवा वितरकों ने भुगतान लंबित होने के कारण अस्पताल के जन औषधि स्टोर को दवा की आपूर्ति बंद कर दी है, जहां कार्डधारकों को मुफ्त में दवाइयां मिलती हैं। नतीजतन, मरीजों को जन औषधि स्टोर में उपलब्ध न होने वाली दवाएं खुले बाजार से पूरी कीमत पर खरीदनी पड़ रही हैं।

हमीरपुर विधानसभा में स्वास्थ्य संस्थानों को ताला जड़ा
आशीष शर्मा ने बताया कि लम्बलू में ही पूर्व सरकार द्वारा घोषित किये गए प्राइमरी हेल्थ सेंटर और पशु चिकित्सालय को भी इस सरकार ने बंद कर दिया।