लोकतंत्र का गला घोटने पर उतारू नेता विपक्ष और विपक्षी विधायक: डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा

लोकतंत्र का गला घोटने पर उतारू नेता विपक्ष और विपक्षी विधायक: डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा

भाजपा विधायकों को योजना आयोग की विधायक प्राथमिकताओं की बैठकों का बहिष्कार करने की बजाय यह एक जुटता केंद्र से हिमाचल के कर्मचारियों के 9200 करोड़ लाने के लिए और आपदा के 9000 करोड़ लाने के लिए दिखानी चाहिए थी, यह बात आज एक प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के अंदर बीजेपी लोकतंत्र की हत्या पर उतारू है। नेता विपक्ष जय राम के नेतृत्व में बीजेपी के विधायकों ने योजना आयोग    की विधायक प्राथमिकता बैठकों में ना जाकर सिद्ध कर दिया है कि वह राजनीति में अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए आए हैं, ना की जनता की प्राथमिकताओं और उनकी जरूरतों को सरकार के मंच पर रखने के लिए। 
डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि योजना आयोग की विधायक प्राथमिकता की बैठकें किसी पार्टी विशेष की बैठक नहीं है वह एक मंच है जो के वर्षों से लोकतंत्र का एक ऐसा माध्यम है जिसमें सरकार चुने हुए प्रतिनिधियों की उनके क्षेत्र की जनता की प्राथमिकताओं को लेकर योजनाएं तैयार कर जनता के कल्याण के लिए क्रियान्वित करती हैं, लेकिन बीजेपी के चुने हुए विधायक  इन बैठकों का बहिष्कार कर लोकतंत्र का गला घोटने जैसा कार्य करते हुए जनता की उम्मीदों पर भी पानी फेर रहे हैं । 
डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि बीजेपी के विधायकों को अगर इतनी ही एक जुटता इन बैठकों में न जाने की दिखानी थी तो उनके अंदर हिम्मत होनी चाहिए थी कि हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों का 9200 करोड़ रूपया केंद्र सरकार के पास पिछले ढाई साल से पड़ा हुआ है जिसका करोड़ों में तो ब्याज ही बन रहा है उसको वहां से वापस लाने के लिए इन विधायकों को अपनी एक जुटता दिखानी चाहिए थी । जनता की फिक्र ना करते हुए अपनी स्वार्थ सिद्धि और अपने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए यह लोग लोकतंत्र की हत्या करने से भी पीछे नहीं है रहे हैं। हिमाचल की इतिहास में यह दर्ज हो जाएगा कि किसी नेता विपक्ष के नेतृत्व में विपक्षी विधायकों ने योजना आयोग की बैठकों का बहिष्कार कर लोकतंत्र का गला घोटने की एक नई परिपाटी शुरू करी, जिसका श्रेय नेता विपक्ष जय राम जी को जाएगा।