हिमाचल के विकास में अटल जी का योगदान अद्वितीय: धूमल

युग पुरुष अटल जी हिमाचल से करते थे अपार प्यार: धूमल पहाड़ी राज्य में सड़क निर्माण को पीएमजीएसवाई के नियम बदल दिए थे सुजानपुर मंडल के कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री ने अटल जी को दी श्रद्धांजलि

हिमाचल के विकास में अटल जी का योगदान अद्वितीय: धूमल

हिमाचल के विकास में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री युगपुरुष स्व.अटल बिहारी वाजपेयी जी का अद्वितीय योगदान रहा है। हिमाचल के लिए उनसे कभी भी जो मांगा उन्होंने कभी इंकार नहीं किया। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने टौणीदेवी में सुजानपुर भाजपा मंडल द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए यह बात कही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 मार्च 1998 को श्रद्धेय अटल जी प्रधानमंत्री बने थे और 24 मार्च 1998 को हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार बन गई थी। प्रदेश के विकास के लिए 5 वर्ष जो उनका आशीर्वाद मिलता रहा वह अद्वितीय था। सामान्य तौर पर मुख्यमंत्री अनेकों मांगे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के समक्ष रखते हैं , जरूरी नहीं कि वह सभी पूरी हों। यह हमारा और इस प्रदेश का सौभाग्य था कि हमने अटल जी से जो भी कहा जो भी मांगा वह उन्होंने तुरंत पूरा किया। कभी किसी बात के लिए कोई इनकार नहीं किया। 


        पूर्व प्रधानमंत्री से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए प्रोफेसर धूमल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री बनकर वह पहली बार हिमाचल आए तो हमने कुल्लू में उनका स्वागत रखा। पहली बार आए थे और हम उनका स्वागत कर रहे थे तो हमने कोई डिमांड नहीं रखी तब अटल जी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री बनकर पहली बार हिमाचल आया हूं 100 करोड़ प्रदेश के लिए देता हूं। कुछ दिनों बाद ही उनका शिमला आने का कार्यक्रम तय हो गया। तब हमने कहा कि आज तो कुछ देना पड़ेगा, तब वह बोले कि अभी तो 100 करोड़ दिया था। हमने कहा वह आपने अपनी मर्जी से दिया था लेकिन इस बार आप राजधानी आए हैं तो जरूर कुछ देना पड़ेगा तब उन्होंने 200 करोड़ प्रदेश को फिर से दे दिया। 12 दिसंबर 1999 को अटल जी पार्वती जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास करने के लिए कल्लू आ रहे थे। उनको रिसीव करने के लिए हम चंडीगढ़ एयरपोर्ट गए थे वहां से जब हिमाचल के लिए इकट्ठे चले तो मैंने कहा प्रदेश को पैसे की सख्त जरूरत है इसलिए 400 करोड रुपए चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा है। मैंने कहा सख्त जरूरत है इससे कम में काम नहीं चलेगा। रास्ते में फिर जब भुंतर से सड़क मार्ग में कार द्वारा हम आगे बढ़े तो मैंने फिर से कहा कि 400 करोड़ चाहिए लेकिन मैं मांग नहीं करूंगा आप खुद घोषणा करेंगे। किसी नेता ने मंच पर बोलते हुए पैसे की मांग प्रधानमंत्री से रख दी तो जब अटल जी का संबोधन हुआ तो उन्होंने कहा कि जब भी हिमाचल आता हूं तब पैसे मांगते हो सोचना पड़ेगा कि पैसे दें या फिर हिमाचल आएं या ना आएं। ऐसा कहते हुए उन्होंने प्रदेश के लिए 200 करोड रुपए की घोषणा वहां की। जब वे मंच से उतरे तो हमने कहा कि 400 करोड रुपए की बात आपसे हुई थी किसी एक व्यक्ति की गलती की सजा पूरे हिमाचल प्रदेश को आप मत दीजिए। खाना खाने के बाद अटल जी ने पत्रकारों को बुलवाकर 400 करोड रुपए हिमाचल प्रदेश को देने की घोषणा करते हुए कहा की गलती से 200 करोड़ कह दिया था। अटल जी की महानता ऐसी थी। 

              पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी के मन में हिमाचल प्रदेश के लिए अपार प्यार भरा था। हिमाचल की जब भी बात आती थी तो वह बड़ा दिल दिखते थे। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को समझते हुए उन्होंने विकासात्मक योजनाओं की राष्ट्रीय स्तर की शर्तों को भी बदलकर रख दिया था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिस गांव के लिए सड़क बननी हो वहां की जनसंख्या न्यूनतम एक हज़ार हो, ऐसा नियम था। हमने उनसे कहा कि यहां के गांव में इतनी जनसंख्या नहीं होती है। इस नियम के तहत आबादी की शर्त को 1000 से कम कर पहले 500 फिर ढाई सौ और जब हमने फिर भी कहा कि यह भी ज्यादा है तो उन्होंने उसमें भी डील देते हुए यह व्यवस्था कर दी की सड़क जितने भी गांव से गुजरेगी उन सब की कुल आबादी ढाई सौ होनी अगर हो तो वह सड़क इस योजना के अंतर्गत शामिल कर ली जाएगी। हमने फिर कहा धार्मिक स्थल पहाड़ों पर होते हैं वहां कोई जनसंख्या नहीं होती, तब अटल जी ने यह घोषणा करते हुए की पहाड़ पर मंदिर के लिए यदि सड़क बनानी हो तो आबादी की कोई शर्त उसे पर लागू नहीं होगी, हिमाचल प्रदेश को बड़ा उपहार दिया था। पूरे देश में इस योजना के तहत सबसे पहले डीपीआर हिमाचल प्रदेश ने बनाई। इस योजना के तहत सबसे ज्यादा सके हिमाचल प्रदेश को मिली। 

     पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय अटल जी के साथ उन्होंने बहुत लंबा राजनीतिक जीवन जीया है, जब मैं पहली बार सांसद बना था तब से उनका आशीर्वाद मिलता रहा। उन्होंने कहा कि अटल जी का सानिध्य और प्यार इतना था कि आजीवन उनकी सिक्योरिटी प्रोटोकॉल में मुझे एनी टाइम अप्वाइंटी का कोड मिला रहा। उनसे मिलने के लिए मुझे कभी समय नहीं मांगना पड़ता था। अटल जी की जयंती के अवसर पर मैं उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं और उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।