आग की घटनाओं, पानी की कमी और अन्य समस्याओं से निपटने के हों पूरे प्रबंध
डीसी अमरजीत सिंह ने की गर्मी के मौसम के लिए आवश्यक तैयारियों की समीक्षा
उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने जलशक्ति विभाग, अग्निशमन विभाग, कृषि, बागवानी, पशुपालन, वन, स्वास्थ्य और अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गर्मी के मौसम में आग की घटनाओं, पानी की कमी, सूखे की स्थिति, जलजनित रोगों और अन्य समस्याओं से निपटने के लिए विभागीय स्तर पर पुख्ता प्रबंध करें तथा किसी भी तरह की आपात स्थिति में आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।
गर्मियों के मौसम के लिए आवश्यक तैयारियों हेतु शुक्रवार को यहां हमीर भवन में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि अभी जिले में मौसम की स्थिति कुल मिलाकर सामान्य ही चल रही है। लेकिन, आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ने और लंबे समय तक बारिश न होने की स्थिति में आग की घटनाओं, पानी की कमी, जलजनित रोग, सूखे से कृषि-बागवानी का नुक्सान, चारे की कमी और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सभी संबंधित विभाग अपना-अपना प्लान तैयार रखें तथा उसी के अनुसार आवश्यक प्रबंध करें।
उपायुक्त ने जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को पेयजल स्कीमों के स्रोतों की स्थिति और पानी की गुणवत्ता पर नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलशक्ति विभाग और स्वास्थ्य विभाग पानी की नियमित रूप से सैंपलिंग-टेस्टिंग तथा क्लोरिनेशन करें। जलजनित रोगों से बचाव एवं उपचार के लिए फील्ड में जागरुकता अभियान भी चलाएं तथा सभी चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रखें।
उपायुक्त ने कहा कि गर्मियों में वनों में आग की घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं। इन्हें रोकने के लिए वन विभाग और अग्निशमन विभाग आपसी समन्वय के साथ-साथ स्थानीय लोगों का सहयोग भी लें। आपात परिस्थितियों में होमगार्ड्स और आपदा मित्रों की मदद भी लें। वन विभाग आग की आशंका वाले स्थानों की पहले से ही मैपिंग करके वहां बचाव के प्रबंध करें। उपायुक्त ने कहा कि जिला के शहरी क्षेत्रों और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में सभी हाइड्रेंट्स, अग्निशमन उपकरण एवं वाहन अच्छी स्थिति में होने चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि आने वाले महीनों के दौरान अगर लंबे समय तक बारिश नहीं होती है तो उससे फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा पशुओं के लिए चारे की कमी भी हो सकती है। ऐसी स्थिति से निपटने की भी विभागीय स्तर पर तैयारी होनी चाहिए। उन्होंने कृषि, बागवानी और पशुपालन विभाग के फील्ड स्तर के अधिकारियों को किसानों, बागवानों और पशुपालकों का नियमित रूप से मार्गदर्शन करने के निर्देश दिए। गर्मी के सीजन के लिए अन्य प्रबंधों को लेकर भी बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
इस अवसर पर जिला राजस्व अधिकारी जसपाल सिंह ने विभिन्न प्रबंधों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में एडीसी मनेश यादव, सभी उपमंडलों के एसडीएम और अन्य विभागों अधिकारी भी उपस्थित रहे।