पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज लोकसभा में आज शून्य काल के दौरान बोलते हुए तमिलनाडु में DMK सरकार के हिंदुओं और सनातन धर्म के खिलाफ बढ़ते भेदभाव के माहौल पर गंभीर चिंता जताई।
अनुराग ठाकुर ने मदुरै की उस शर्मनाक घटना को पुरजोर तरीके से उठाया, जहाँ हिंदू भक्तों पर तमिलनाडु पुलिस ने सिर्फ़ इसलिए बेरहमी से लाठीचार्ज किया क्योंकि वे भगवान मुरुगन के छह घरों में से एक, पवित्र थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर पारंपरिक कार्तिगई दीपम जलाने की मांग कर रहे थे।
लोकसभा में बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि DMK राज में तमिलनाडु राज्य बदकिस्मती से सनातन धर्म के खिलाफ एक सिंबल बन गया है। तमिलनाडु सरकार के मंत्री खुलेआम सनातन धर्म के खिलाफ गलत बयान देते हैं। जब माननीय प्रधानमंत्री ने अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की, तो इसी डीएमके सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच के थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर कार्तिगई दीपम जलाने की इजाज़त देने के साफ निर्देशों के बाद भी, राज्य सरकार ने जानबूझकर कोर्ट के आदेश को नज़रअंदाज़ किया। सदियों पुरानी परंपरा को बनाए रखने के लिए इकट्ठा हुए शांतिप्रिय हिंदू भक्तों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। यह सिर्फ धार्मिक भावनाओं पर हमला नहीं है, बल्कि कोर्ट की खुली अवमानना और संविधान के आर्टिकल 25 के तहत मिले धर्म की आज़ादी के बुनियादी अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रश्न उठाया कि हिंदुओं के साथ उनके ही देश में इतना खुला भेदभाव क्यों किया जा रहा है? क्या तमिलनाडु में अब अपने धर्म का पालन करना जुर्म है?
अनुराग ठाकुर ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK सरकार से देश भर के करोड़ों हिंदू भक्तों से तुरंत माफ़ी मांगने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार से तमिलनाडु में हिंदू परंपराओं पर हो रहे सुनियोजित अत्याचार का संज्ञान लेने और भारत के हर कोने में हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की।
उन्होंने कहा “भाजपा हर उस हिंदू भक्त के साथ मजबूती से खड़ी है, जिनकी भावनाओं को DMK सरकार के सनातन विरोधी कामों से ठेस पहुंची है। इस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति और हिंदू आस्था पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।”