आधुनिक सोच और सनातन संस्कृति के संगम थे महामना मालवीय: अनुराग सिंह ठाकुर

स्वतंत्रता संग्राम के साथ राष्ट्र की आध्यात्मिक आत्मा को पुनर्जीवित करने में भी महामना का योगदान: अनुराग सिंह ठाकुर

आधुनिक सोच और सनातन संस्कृति के संगम थे महामना मालवीय: अनुराग सिंह ठाकुर
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक व स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की संकलित रचनाओं की 12 भागों की संपूर्ण “महामना वांग्मय” के विमोचन कार्यक्रम में भारत के उपराष्ट्रपति श्री सीपी राधाकृष्णन, केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, इंदिरा गांधी कला केंद्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय, महामना मालवीय मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनारायण श्रीवास्तव व अन्य गणमान्यों के साथ सम्मिलित हुए। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “महान स्वतंत्रता सेनानी, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक, 'भारत रत्न' 'महामना' पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ। उनका जीवन शिक्षा, समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए समर्पित था। उनके विचार आज भी देश को सही दिशा प्रदान करने में सक्षम हैं। भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की पवित्र जयंती पर उनकी लिखी रचनाओं की आखिरी सीरीज़ महामना का वांग्मय का लोकार्पण एक ऐतिहासिक बौद्धिक और सांस्कृतिक मिशन के पूरा होने का निशान है। पंडित मदन मोहन मालवीय जी सिर्फ़ एक स्वतंत्रता सेनानी या संस्था बनाने वाले नहीं थे। वे एक राष्ट्रीय चेतना, सनातन धर्म के पथ-प्रदर्शक और एक दूरदर्शी थे, जिनका मानना ​​था कि भारत की राजनीतिक आज़ादी सांस्कृतिक आत्मविश्वास, नैतिक शासन और आध्यात्मिक ताकत पर आधारित होनी चाहिए। उन्हें याद करने का मतलब इतिहास में पीछे मुड़कर देखना नहीं है, बल्कि उन मूल्यों को फिर से पक्का करना है जो भारत के भविष्य को रास्ता दिखाएंगे” अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “साल 2023 माननीय प्रधानमंत्री जी के शानदार नेतृत्व में, महामना के वांग्मय के 11 वॉल्यूम की पहली सीरीज़ रिलीज़ की गई थी। मैं उस पल को बहुत विनम्रता और गर्व के साथ याद करता हूँ। उस समय, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री के तौर पर, मैं महामना मालवीय मिशन के साथ मज़बूती से खड़ा था, और यह पक्का करने के लिए पूरी तरह से तैयार था कि इस बड़े राष्ट्रीय काम को भारत सरकार से हर मुमकिन संस्थागत, पब्लिकेशन और नैतिक सपोर्ट मिले। पंडित मालवीय जिस भूमिका में रहे, उन्होंने 'राष्ट्र प्रथम' के संकल्प को सर्वोपरि रखा और इसके लिए बड़ी से बड़ी ताकत से टकराए तथा मुश्किल से मुश्किल माहौल में भी देश के लिए संभावनाओं के नए बीज बोए। मोदी सरकार का की सौभाग्य है कि महामना मदन मोहन मालवीय जी को 'भारत रत्न' देने का सुअवसर मिला। पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा लिखित और बोले गए विभिन्‍न दस्तावेजों पर शोध एवं उनके संकलन का कार्य महामना मालवीय मिशन द्वारा किया गया, जो महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के आदर्शों और मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित एक संस्था है उनका भी मैं आभारी हूँ”