3 लाख से कम आय है तो ले सकते हैं मुफ्त कानूनी मदद
सभी लोगों को न्याय सुलभ बनाने के लिए नालसा ने चलाई है यह योजना विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर टिक्कर बुहला में आयोजित किया कार्यक्रम
विश्व सामाजिक न्याय दिवस के उपलक्ष्य पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने विकास खंड टौणीदेवी की ग्राम पंचायत टिक्कर बुहला में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया, जिसकी अध्यक्षता प्राधिकरण के सचिव एवं वरिष्ठ सिविल जज अनीष कुमार ने की।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि हर साल 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उदेश्य समाज के सभी वर्गों को न्याय सुनिश्चित करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।
अनीष कुमार ने बताया कि आम लोगों को न्याय सुलभ बनाने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की हैं। मुफ्त कानूनी सहायता योजना इनमें से सबसे महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने बताया कि एससी-एसटी वर्ग के लोग, महिलाएं, बच्चे, दिव्यांग, आपदा पीड़ित, अत्याचार पीड़ित, श्रमिक, किन्नर, कैदी और सालाना 3 लाख रुपये से कम आय वाले सभी वर्गों के लोग मुफ्त कानूनी सहायता योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। किसी भी न्यायालय परिसर में स्थापित फ्रंट आफिस में जाकर पात्र लोग मुफ्त कानूनी सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अदालत में लंबित कई मामलों को मध्यस्थता एवं आपसी सहमति से भी निपटाया जा सकता है। समय और धन की बचत तथा आपसी संबंधों में सौहार्दयता बनाए रखने के लिए मध्यस्थता एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके अलावा समय-समय पर लगाई जाने वाली लोक अदालतों के माध्यम से भी विभिन्न मामलों का निपटारा तत्काल करवाया जा सकता है। अनीष कुमार ने नालसा के मोबाइल ऐप, सुप्रीम कोर्ट रिपोर्टर ऐप, नशे की समस्या, मोटर वाहन अधिनियम और कई अन्य अधिनियमों की विस्तृत जानकारी भी दी।
कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह ने भी सामाजिक न्याय और एनडीपीएस एक्ट, जिला अग्रणी प्रबंधक लक्ष्मी नारायण काजल ने विभिन्न बैंकिंग योजनाओं, बीडीओ हरि चंद अत्री ने लैंगिक समानता एवं ग्रामीण विकास योजनाओं, तहसील कल्याण अधिकारी बलदेव सिंह ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की योजनाओं एवं महत्वपूर्ण अधिनियमों और भोरंज थाने के एएसआई हरदीप सिंह ने मोटर वाहन अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।