गरीब कल्याण में समर्पित जी-राम-जी योजना: अनुराग सिंह ठाकुर

राम के नाम से सदा कांग्रेस को समस्या: अनुराग सिंह ठाकुर

गरीब कल्याण में समर्पित जी-राम-जी योजना: अनुराग सिंह ठाकुर
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने विकसित भारत, गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), यानी ‘जी राम जी' पर कांग्रेस समेत विपक्ष के विरोध को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जी राम जी बिल ग़रीब कल्याण की दिशा में मोदी सरकार का एक अहम कदम है और वैसे भी कांग्रेस को राम के नाम से सदा दिक्कत ही रही है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस अमूमन गरीब और जरूरतमंदों का विरोध करती रही है, और प्रभु राम का विरोध तो कांग्रेस हमेशा से ही करती थी। कांग्रेस वाले रामसेतु का विरोध करते हैं, राम मंदिर का विरोध करते हैं, और जहां राम शब्द आता है तो उसका भी विरोध करते हैं। अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लाई जा रही विकसित भारत, गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), यानी ‘जी राम जी” जोकि गरीब कल्याण को समर्पित है, तो कांग्रेस पार्टी उसका भी विरोध कर रही है। यह बिल विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण रोजगार और आजीविका को मजबूत करेगा। पुरानी मनरेगा योजना में जहाँ ग्रामीण परिवारों को सालाना 100 दिन रोजगार मिलता था, अब इस योजना में 125 दिन रोजगार देने की हमारी मंशा है। आख़िर कांग्रेस क्यों गरीबों का भला नहीं होने देना चाहती। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी केवल एक नाम नहीं, बल्कि प्रेरणा हैं और बापू सदा रामराज की स्थापना की बात कहते थे। यह बिल गरीबों के सम्मान और गांधीजी के सपनों को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा “कांग्रेस के इतिहास पर नजर डालिए। कांग्रेस केवल नाम बदलने में लगी रही। कोविड के समय मजदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मोदी सरकार ने अपने सारे खजाने खोल दिए थे। हमने MGNREGA में 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च हमने मनरेगा में किया था, जो कांग्रेस कभी सोच भी नहीं सकती थी। कांग्रेस के समय लोगों को पैसा नहीं मिलता था, बिचौलिए खा जाते थे। हमने जियोटैग करने का काम शुरू किया। बैंक खाते खुलवाकर लोगों के खातों में पैसा डालने का काम हमने किया। इनके समय कहते थे कि 15 दिन में पैसा मिलेगा। कई-कई महीने तक पैसा नहीं मिलता था। हमने उसको वीकली करने का नाम किया। हमने 100 की जगह 125 दिन रोजगार की गारंटी का काम हमने किया। यही नहीं इसका बजट भी पहले से ज्यादा हो, राज्य सरकारों की भूमिका हो, वो भी हमने किया, जिससे स्कीम का विस्तार किया जा सके।"