हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर के एक बहुत बड़ा अन्याय पूर्ण कदम उठाया है। यह फैसला हिमाचल में काले अध्याय की शुरुआत है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य व हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के पूर्व वाइस चैयरमैन नवीन शर्मा ने जारी ब्यान में कही।
नवीन शर्मा ने कहा, इस विषय को लेकर कांग्रेस ने 2022 में चुनाव में घर घर जाकर, सड़कों पर अनेक रैलियां की। कर्मचारियों को झूठे आश्वासन दिए। वर्तमान में मुख्यमंत्री तथा उनके मंत्रियों ने इन कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने की घोषणाएं की। न केवल घोषणाएं की अपितु चुनावों के दौरान गारंटियां भी दी कि पहली कैबिनेट के अंदर हम इन 4700 कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज कर देंगे। नवीन शर्मा ने कहा, मांग मानने की गारेंटी देने वाली सरकार ने नौकरी ही छीन ली।
आज मुख्यमंत्री की चुनावी विडयो भी इस विषय को लेकर काफी वायरल हो रही है। नवीन शर्मा ने कहा, लंबे समय से लगातार 4700 कर्मचारी हड़ताल पर बेठें रहे और धरना प्रदर्शन करते रहे। सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बार -बार आश्वासन देने के बाद कुछ नहीं हुआ। स्थितियां यहाँ तक पहुंच गई कि पंचायत के सेक्रेटरी की जगह पर चैकीदारों को चार्ज दे दिया गया। इससे ज्यादा दयनीय स्थित हिमाचल प्रदेश सरकार की नहीं हो सकती। नवीन शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश मेें एक काला अध्याय लिखा जा रहा है। 167 जूनियर इंजीनियर्स को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने पूछा, वो कांग्रेसी नेता जिन्होनेेें घोषणा की और गारटियां दीं कि हम सत्ता में आएँगे तो 1 लाख नौकरियां पहली कैबिनेट के अंदर देंगें, आज वो कहाँ हैं। उन्होंने कहा, यह बात वर्तमान मुख्यमंत्री, वर्तमान उपमुख्यमंत्री, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं तथा इनके प्रभारियों ने भी कही थी। उन्होने कहा था की हमारे पास 67 हज़ार पद खाली हैं, 33 हज़ार पद हम और सृजित करेंगे और 1 लाख बेरोजगारों को पहली कैबिनेट में 1 लाख नौकरियां देंगे। आज इनकी झूठी गांरटियां पूरी तरह से एक्सपोज होती जा रही है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस सरकार नौकरियां तो क्या देगी इन्होने आउटसोर्स पे काम करने वाले हजारों कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया यही कांग्रेस की असली मानसिकता है ।