लकड़ी के टुकड़ों पर 3 डी आकृति बना रहा बरोटा का रवि

लकड़ी के टुकड़ों पर 3 डी आकृति बना रहा बरोटा का रवि

कहते हैं हुनर तो सबके पास होता है लेकिन फर्क इतना है किसी-किसी का छप जाता है । हिमाचल प्रदेश में भी ऐसे ही प्रतिभावान है। जिनकी प्रतिभा दुनिया के सामने नहीं आ पाई है। अगर आएगी तो सरकारों ने उनके लिए कुछ नहीं किया । ऐसे ही हुनरवाज है हमीरपुर जिला के बरोटा गांव के रवि कुमार। लकड़ी के टुकड़ों पर रवि कुमार की कलाकारी देखकर हर कोई दंग है। बचपन से ही रवि कुमार की चित्र कला ने लकड़ी पर 3डी आकृति बनाने की कला को उसका हुनर बना दिया है और आज इसी हुनर के चलते रवि कुमार अपना व्यवसाय भी करें है लेकिन लोगों तक पहुंच कम होने के कारण आज वह कमजोर है । लकड़ी के टुकड़े से बनाई हुई 3 डी आकृतियां अभी भी 6 से 7 बनी हुई है जबकि 4 आकृतियां को बना कर दे दिया गया जिनमें से जिस हिसाब से आमदनी होनी चाहिए लेकिन उसी हिसाब से आमदनी नहीं हो पा रही है। सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वहीं रवि कुमार ने बताया कि लकड़ी पर 3 डी आकृति बनाने के लिए कम से कम 20 से 25 दिन लगते है । दिन रात एक करके एक 3 डी आकृति बनती है । जिसकी मुल्य 20 से 25 हजार रूपये है। लकड़ी के टुकड़े पर 3 डी आकृति बनाने के लिए लकड़ी के टुकडे की 15 इंच चौडाई , 22 इंच से 24 इंच तक लंबाई होती है । जिसके बाद 3 डी आकृति बनती है।
शहीद भगत सिंह , रविंद्र नाथ टैगोर , स्वामी विवेका नंद , सुभाष चंद्र बोस , पहाड़ी गांधी कांशी , वी आर अंबेडकर के साथ गांव के लोगों के माता पिता व उनके परिवारिक सदस्य की है अभी तक 3 डी आकृति बनाई है। केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की भी एक 3 डी आकृति बनाई थी जिसे अनुराग सिंह ठाकुर को भेंट कर दी है । हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की  भी एक आकृति बनाई है जिसे भी जल्द ही उन्हें भेंट कर दी जाएगी । अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा की 3डी आकृति बनाने का कार्य चला हुआ है।

बहुत सी लकड़ी पर 3 डी आकृतियां बनाई है और जिनमें कई महान हस्तियां भी शामिल है । हाल ही में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की 3 डी आकृति बनाई है और अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा की 3डी आकृति बनाने का कार्य चला हुआ है । धीरे-धीरे लोगों में पहचान तो बन रही है लेकिन आर्थिक रूप से किसी तरह की सरकार की ओर से मदद न होने के कारण हालात खराब है । अपनी इस कला को देश व प्रदेश को दिखाना चाहते हैं क्योंकि इस तरह की कला बहुत कम कलाकार ही दिखा रहे हैं। जिसमें चित्र करने कला हो वह व्यक्ति अपनी कला को चाहे कागज हो या दीवार हो या लड़की पर बना सकता है।
रवि कुमार बरोटा