बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के प्रोजेक्ट दीपक ने बचाई सैकड़ों जिंदगियां
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के प्रोजेक्ट दीपक ने बचाई सैकड़ों जिंदगियां भारी बारिश और तेज तूफानों के बीच फसी सैकड़ों जिंदगियों को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के जवान किसी मसीहा से कम साबित नहीं हुए हैं गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिला के विभिन्न इलाकों में हजारों पर्यटक फस गए थे और मुख्य रूप से चंद्र ताल में गए करीब 300 पर्यटक तो मौत से जूझते हुए पाए गए इन पर्यटकों की जानकारी मिलते ही रात को 2:00 बजे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के जवान चंद्र ताल पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया करीब 10 घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद करीब 300 लोगों को चंद्रताल से निकालकर लोसर पहुंचाया गया जिसमें बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन की मशीनरी और जवान लगातार मुस्तैदी से कार्य करते रहे बेशक चंद्रताल में फंसे सैलानियों को देखने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हवाई दौरा किया लेकिन जमीनी स्तर पर इन लोगों को निकालने का कार्य अंततः बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा किया गया गौरतलब है कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन लाहौल स्पीति के मुख्य मार्ग की देखरेख का कार्य करती है इसके लिए एक कैंप साइट मनाली में और दूसरी कैंपसाइट केलॉन्ग के पास स्थित है इस ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारियों को जैसे ही इस घटना का पता चला बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के जवानों को तत्काल कठिन परिस्थितियों में कार्य करने के लिए भेज दिया गया महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ऑर्गनाइजेशन के मुख्य कार्यालय शिमला स्थित अधिकारियों से हिमाचल प्रदेश सरकार लगातार संपर्क में बनी रही जिसके चलते यह मिशन कामयाब हुआ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इस आपदा की घड़ी में जिस मुस्तैदी के साथ बीआरओ ने काम किया है उसके लिए वह प्रशंसा के पात्र हैं आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के जवान किस तरह फिसलन भरी सड़कों पर अपने वाहनों को चलाते हुए रास्तों को साफ कर रही है ताकि पर्यटकों को वहां से निकाला जा सके।
(केलॉन्ग से हिलक्रेस्ट ब्यूरो की रिपोर्ट)