महिला एवं बाल विकास की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं हजारों बेसहारा
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सरकार की विभिन्न योजनाओं से जिला के हजारों महिला ब बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। बच्चों के पोषण आहार की बात हो या फिर महिलाओं के सशक्तिकरण की। सरकार की अनेक ऐसी योजनाएं हैं जो इस लक्ष्य को पूरा करती है।
उपायुक्त सुमित खिमटा ने योजनाओं के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि जिला सिरमौर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 146 लड़कियों के विवाह पर चालू वित वर्ष में अभी तक 75 लाख रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है। योजना के तहत विधवा महिला की बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार, मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत बी.पी.एल. परिवारों की बेटियों की शादी के लिये 31 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। जिला में इस साल अभी तक 204 लाभार्थियों को 64 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा चुकी है।
बेटी है अनमोल योजना के तहत बी.पी.एल. परिवार की दो बेटियों के जन्म उपरांत 21 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है और जिला में अभी तक 1502 बेटियों के नाम 15 लाख रुपये की राशि की एफ.डी. अभिभावकों को सौंपी गई हैं। मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत ऐसे बच्चे जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो, उनके पालन पोषण के लिये 6000 रुपये की राशि सालाना प्रदान की जा रही है। जिला में अभी तक 432 मदर व बच्चों को 90 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा चुकी है।
विधवा पुनर्विवाह योजना के अंतर्गत विधवा महिला के पुनर्विवाह पर दो लाख रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। अभी तक 8 महिलाओं के विवाह हेतु सवा पांच लाख रुपये वितरित किए गए हैं। महिला एवं रोजगार योजना के तहत महिलाओं को आम निर्भर बनाने क लिये कोई कार्य करने के लिये पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायत प्रदान की जाती है और 30 महिलाओं को डेढ़ लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहले बच्चे के जन्म पर पांच हजार रुपये की राशि और दूसरा बच्चा चदि लड़की हो तो छः हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। जिला में 2214 लाभार्थियों को 12 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
प्रभावी ढंग से लागू की जा रही जिला में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना
सुमित खिमटा ने बताया कि सिरमौर जिला में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 12 बच्चों की देखभाल और संरक्षण प्रदान करके उन्हें अधिनियम में निहित सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इनमें 10 बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और इसके लिये पौने चार लाख रुपये का प्रावधान किया गया है जबकि दो बच्चे व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं जिस पर पौने दो लाख रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त पच्छाद तहसील के आदर्श बाल निकेतन नाल में हरने वाले 23 बच्चों को 1.75 लाख रुपये का सामाजिक सुरक्षा अनुदान प्रदान किया गया है। बाल निकेतन नाल के 46 बच्चों को 23 हजार रुपये का त्यौहार अनुदान और त्यौहार भत्ता भी जारी किया गया है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार लाने एवं संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिये 11.33 लाख का बजट प्रावधान है। वन स्टाप सेंटर नाहन स्थित डाइट के हॉस्टल भवन में संचालित है। इसका उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही छत के नीचे चिकित्सकीय सहायता, कानूनी सहायता, परामर्श, अस्थाई आश्रय एवं केस दर्ज करने में सहायता प्रदान करने जैसी सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। इस साल योजना पर 12.50 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।
सशक्त महिला योजना के अंतर्गत महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के तहत सरकार 35 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करवा रही है। इस राशि से महिलाओं को आजीविका चलाने में मदद मिलती है। इस साल के लिये 1.36 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।