स्वावलंबन योजना से पूरे हुए धर्मेंद्र के सपने, नौकरी छोडक़र लगाया अपना उद्यम

उद्योग विभाग की योजना से मिला 10 लाख रुपये का लोन और ब्याज पर सब्सिडी

स्वावलंबन योजना से पूरे हुए धर्मेंद्र के सपने, नौकरी छोडक़र लगाया अपना उद्यम

उद्योग विभाग की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना कई युवाओं के सपनों को नए पंख लगा रही है। नौकरियों के पीछे भागने के बजाय अपना कारोबार आरंभ करने तथा अन्य लोगों को भी रोजगार देने के इच्छुक उद्यमशील युवाओं के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। इसी योजना के तहत लोन और सब्सिडी पाकर हमीरपुर के युवा धर्मेंद्र राणा ने भी स्वयं का उद्यम स्थापित करके अपने सपने साकार किए हैं।
     एक सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले धर्मेंद्र राणा होटल प्रबंधन में व्यावसायिक कोर्स करने के बाद प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे थे। घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर जहां-तहां नौकरी करके गुजारा करना उन्हें कतई रास नहीं आ रहा था। नौकरी के पीछे भागने के बजाय वह तो अपना ही उद्यम स्थापित करना चाह रहे थे, लेकिन पैसे की कमी के कारण उनका यह सपना मात्र सपना बनकर ही रह गया था। केवल नौकरी करने के अलावा उन्हें कोई अन्य विकल्प नजर नहीं आ रहा था। उन्हें लग रहा था कि शायद प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते-करते ही उनकी जिंदगी निकल जाएगी।
    इसी बीच, उद्योग विभाग के अधिकारियों ने धर्मेंद्र राणा को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में जानकारी दी और उन्हें इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। विभाग के अधिकारियों की प्रेरणा से धर्मेंद्र राणा ने इस योजना का लाभ उठाकर अपना कारोबार शुरू करने का निर्णय लिया।
   योजना के तहत धर्मेंद्र राणा को बैंक से 10 लाख रुपये का लोन और इससे संबंधित सब्सिडी मिली, जिससे उन्होंने हमीरपुर शहर के निकट पक्काभरो में गाडिय़ों की असेसरीज और अन्य सजावट सामग्री का कारोबार शुरू किया तथा इसके साथ ही प्रदूषण जांच केंद्र भी स्थापित किया। चंद हफ्तों में ही उनका यह नया कारोबार चल निकला। आज वह अपने इस उद्यम से काफी अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। वह घर के पास ही अपना उद्यम स्थापित करने के साथ-साथ 3-4 अन्य युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं।
  इस प्रकार, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने धर्मेंद्र राणा के सपनों को साकार किया और आज वह घर से दूर नौकरी करने के बजाय अपने घर के पास ही अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।