एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग बढ़ाने के शुरू हुए नए प्रयास
पिछले कुछ वर्षों में विवादों में रहे राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर की लुढक़ी रैंकिंग को सुधारने के लिए प्रबंधन की ओर से कुछ नए प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि नए प्रयोगों और प्रयासों से संस्थान एक बार फिर से अपनी खोई हुई साख वापस ला सकेगा। शुक्रवार को एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. एचएम सूर्यवंशी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान संस्थान की उपलब्धियां गिनाने के साथ भविष्य की प्लानिंग भी साझा की। प्रो. सूर्यवंशी ने कहा है रैंकिंग नीचे जाने के बहुत सारे कारण होते हैं जिन पर काम हो रहा है। उ2009 के बाद एनआईटी में रेगुलर शिक्षकों की रिकू्रटमेंट नहीं हुई। 2013 में केवल प्रोमोशन हुईं थी। नेशनल स्टेंडर्ड के अनुसार 12 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए लेकिन यहां जो अनुपात है उसके अनुसार 25 से अधिक छात्रों पर एक शिक्षक है। इस अनुपात को 20 तक लाने का प्रयास किया जाएगा। संस्थान में नॉन टीचिंग के साथ-साथ फैकेल्टी के 108 पद भर जाएंगे।
इनमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार सहित अन्य पद शामिल हैं। इसके अलावा बाहरी देशों के छात्रों के लिए भी यहां इंटरेनशनल होस्टल की व्यवस्था की जा रही है जिसमें सबके लिए अलग से किचन-बाथरूम इत्यादि की सुविधा रहती है। प्रो. सूर्यवंशी ने बताया कि आने वाले समय में यहां छात्राओं के लिए 300 और छात्रों के लिए 150 की क्षमता वाले दो होस्टल बनाए जाएंगे जिनके लिए बजट का प्रावधान कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त 700 छात्रों के लिए एक और होस्टल, 110 शिक्षकों के लिए आवास तथा 24 कमरों वाले क्लासरूम कॉ प्लैक्स का निर्माण 189 करोड़ की लागत से किया जाएगा। स्कूल कैडर के फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथेमेटिक्स के लेक्कचर के लिए जिला प्रशासन हमीरपुर के साथ चलाए गए मिशन द्रोणाचार्य कार्यक्रम के तहत 215 से अधिक शिक्षक लाभान्वित हुए। इसके साथ ही प्रदेश भर के वोकेशनल स्ट्रीम के 800 से अधिक छात्रों एनआईटी हमीरपुर का दौरान कर कर यहां वर्कशॉप अटेंड की और यहां की लैब, लाइब्रेरी, स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर और कम्प्यूटर सेंटर इत्यादि का अनुभव लिया।