बड़सर के विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी नाकामी और गरीब विरोधी सोच को उजागर करता है कि मुख्यमंत्री के अपने गृह ज़िले हमीरपुर में ही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ न के बराबर लोगों तक पहुँच पा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह योजना गरीब, असहाय, विधवा और निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी में सरकारी सहयोग देने के लिए शुरू की गई थी ताकि ऐसे परिवारों को आर्थिक राहत मिल सके। लेकिन आज स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री के गृह ज़िले के लोग ही इस योजना के लाभ से वंचित हैं।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 177 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से सिर्फ 7 लाभार्थियों को ही सहायता राशि प्रदान की गई है, जबकि 170 आवेदन विभागीय दफ्तरों में लंबित पड़े हैं।
योजना का उद्देश्य था गरीब परिवारों को समय पर आर्थिक मदद देना, ताकि बेटियों के विवाह में अड़चनें न आएं। लेकिन तीन-तीन महीने बीत जाने के बाद भी अनेक परिवारों को सहायता राशि नहीं मिली है। इससे सरकार की संवेदनहीनता और कार्यकुशलता की पोल खुलती है।
लखनपाल ने कहा कि यह समस्या सिर्फ चालू वित्तीय वर्ष की नहीं है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी 266 आवेदन दर्ज हुए थे, जिनमें से 187 लाभार्थियों को ही लाभ मिला और 79 पात्र परिवार आज भी भुगतान से वंचित हैं। यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि कांग्रेस सरकार की योजनाएँ केवल काग़ज़ों में चल रही हैं, ज़मीन पर नहीं।
विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल ने कहा “यह अत्यंत दुखद है कि मुख्यमंत्री के गृह ज़िले में गरीब परिवार अपनी बेटियों की शादी के लिए सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई राहत नहीं मिली। कांग्रेस सरकार के पास अपने मंत्रियों के स्वागत, शोभायात्राओं और महंगे विज्ञापनों के लिए करोड़ों रुपये हैं, लेकिन गरीबों की बेटियों के लिए नहीं। यह सरकार की असंवेदनशीलता और दिखावटी जनहित नीति का ज्वलंत उदाहरण है।”
उन्होंने कहा कि कई परिवारों ने तीन से चार महीने पहले आवेदन किया था, लेकिन आज तक उनके खाते में एक रुपये तक की राशि नहीं आई। योजना का उद्देश्य ही तब खत्म हो जाता है जब मदद जरूरत के समय न मिले।
लखनपाल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री के अपने गृह ज़िले में ही योजनाएँ ठप हैं, तो बाकी जिलों की स्थिति का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने पूछा “क्या मुख्यमंत्री को अपने ज़िले की गरीब बेटियों की चिंता नहीं है? जो योजना उन्हीं के नाम पर चल रही है, वह आज उपेक्षा और भ्रष्टाचार की शिकार क्यों है? क्या गरीबों की बेटियों का कन्यादान अब बजट के अभाव का शिकार बनेगा?”
विधायक ने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही सरकारी मशीनरी की निष्क्रियता और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दर्शाती है।
इन्द्रदत्त लखनपाल ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में हर जनकल्याणकारी योजना को प्राथमिकता दी जाती थी, और यह सुनिश्चित किया जाता था कि कोई भी पात्र व्यक्ति सहायता से वंचित न रहे।
आज कांग्रेस सरकार में स्थिति यह है कि गरीबों की योजनाएँ विभागीय फाइलों में कैद होकर रह गई हैं और अधिकारी सिर्फ आदेशों की प्रतीक्षा में बैठे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गरीब परिवारों के उत्थान के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन, गृह निर्माण सहायता, आवास योजनाएँ और कन्यादान योजना को गति दी थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इन योजनाओं की रफ्तार पूरी तरह रोक दी है।
विधायक लखनपाल ने मांग की कि हमीरपुर ज़िले के सभी लंबित आवेदनों का तुरंत निपटारा किया जाए, योजना के बजट में अतिरिक्त आवंटन किया जाए और विभागीय स्तर पर देरी के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा “गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में मदद करना सरकार की नैतिक और सामाजिक ज़िम्मेदारी है। अगर सरकार इतनी संवेदनहीन हो जाए कि अपनी ही योजना के लाभार्थियों को महीनों तक इंतज़ार करवाए, तो जनता के बीच उसका कोई नैतिक अधिकार नहीं बचता।”
विधायक ने कहा कि भाजपा का हर नेता और कार्यकर्ता गरीबों, किसानों और जरूरतमंदों की आवाज़ बनकर उनके साथ खड़ा है। जबकि कांग्रेस सरकार का पूरा ध्यान अपने नेताओं की छवि चमकाने और सत्ता बचाने में लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता गरीब परिवारों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और अगर जल्द लाभार्थियों को भुगतान नहीं हुआ, तो पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़कों तक उठाएगी।