आईएचएम में महिलाओं ने सीखा मोटे अनाज के व्यंजन बनाना
पौष्टिक गुणों से भरपूर होते हैं मोटे अनाज के व्यंजन: एडीसी
बाजरा, रागी और अन्य मोटे अनाज से बनने वाले विभिन्न पौष्टिक व्यंजनों के बारे में महिलाओं को अवगत करवाने एवं प्रशिक्षित करने के लिए होटल प्रबंधन संस्थान (आईएचएम) हमीरपुर में छह दिवसीय प्रशिक्षण कोर्स आयोजित किया गया, जिसमें विकास खंड सुजानपुर की ग्राम पंचायत दाड़ला की 20 महिलाओं ने भाग लिया। इस कोर्स के दौरान प्रतिभागियों ने रागी रोटी, बाजरा मोमो, बाजरा खिचड़ी, रागी आटे की कचौरी, अंकुरित दालों एवं मोटे अनाज के स्प्रिंग रोल इत्यादि व्यंजन बनाना सीखे।
प्रशिक्षण कोर्स के समापन अवसर पर प्रतिभागी महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए एडीसी मनेश कुमार यादव ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों से अपना कारोबार आरंभ करके अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर में महिला द्वारा संचालित किए जा रहे ‘शी-हाट’ स्वयं सहायता समूह ने एक मिसाल कायम की है। एडीसी ने बताया कि यह महिला स्वयं सहायता समूह दो-ढाई साल से कार्य कर रहा है और इसकी सालाना आय लगभग 70 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि इस समूह की महिलाएं प्रतिदिन चार-चार घंटे की तीन शिफ्टों में कार्य करती हैं और प्रत्येक महिला साल में लगभग 2 लाख रुपये तक कमा लेती है।
उन्होंने कहा कि आज के दौर में हमें मोटे अनाज को अपने दैनिक आहार में शामिल करने की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि ये अनाज पौष्टिक गुणों से भरपूर हैं। एडीसी ने उम्मीद जताई कि आईएचएम में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद दाड़ला पंचायत की महिलाएं मोटे अनाज के व्यंजनों को जन-जन तक पहुंचाएंगी और अपने स्वयं सहायता समूह को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाएंगी। एडीसी ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
इस अवसर पर संस्थान के विभागाध्यक्ष पुनीत बंटा ने एडीसी का स्वागत किया तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं भी दीं।