छूटभैया नेता की तरह कर रहे मुख्यमंत्री बयानबाजी, भूल गए कि वो प्रदेश के मुखिया : राकेश जमवाल
कहा अपने पद की गरिमा भूले मुख्यमंत्री झूठ पर झूठ बोल शब्दों का मायाजाल बुनते हैं मुख्यमंत्री
हिमाचल प्रदेश के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार देखने को मिला कि जब हिमाचल प्रदेश का मुखिया मंच पर अपनी पद की मर्यादा भूल कर एक छूटभैया नेता की तरह बयान बाजी करते हुए नजर आए। भाजपा मुख्य प्रवक्ता व विधायक राकेश जमवाल ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि ऊना में जनसभा के दौरान शायद मुख्यमंत्री यह भूल गए कि वह किस पद पर बैठे हैं और वरिष्ठ नेताओं के लिए इस तरह के घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे पहले भी इस तरह की परिस्थितियों हिमाचल प्रदेश में बनी है जब अपनी पार्टी के कार्य प्रणाली से नाराज होकर नेता या विधायक दूसरे दल में शामिल हुए हैं लेकिन कभी भी इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक इतिहास में देखने और सुनने को नहीं मिला। विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि खुद की कार्य प्रणाली को सुधारने की जगह नेताओं पर बिना किसी सबूत के झूठे आरोप लगाना मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता । मुख्यमंत्री ने जो सत्ता में आते हुए कहा था कि वह व्यवस्था परिवर्तन करेंगे लेकिन व्यवस्था परिवर्तन की जगह अब मुख्यमंत्री झूठ की राजनीति कर रहे हैं ना मुख्यमंत्री ने अपनी चुनावी वादों को पूरा किया बल्कि 15 महीने मुख्यमंत्री ने विपक्ष को पूछते हुए ही निकाल दिए आज मुख्यमंत्री के पास अपनी कोई भी उपलब्धि प्रदेश की जनता को बताने के लिए नहीं है।
मुख्यमंत्री जब से सत्ता में आए हैं तब से उन्होंने केवल झूठ ही बोला है और लगातार झूठ ही बोलते आ रहे हैं। उनके झूठ का सबसे बड़ा सबूत तो इस बार विधानसभा व प्रदेश की जनता को मिल गया जहां पर वह अपने मेनिफेस्टो में दी गारंटी युवाओं को सरकारी नौकरी को ही झुठलाने पर आमदा हो गए। महिलाओं को 1500₹, युवाओं को सरकारी रोजगार, ऐसे बहुत से झूठ हैं जो मुख्यमंत्री अपनी स्थिति को सही साबित करने के लिए समय समय पर बोलते रहे है। विधायक निधि को जारी करने का झूठ जो उन्होंने खुले मंच पर बोला और अपनी विपक्ष के दबाव के बाद फिर विधायकनिधि जारी करना उसका बड़ा उदाहरण हैं। इसलिए आज जनता जान चुकी है कि मुख्यमंत्री हिमाचल की जनता को ठगने के लिए सुविधाअनुसार खुले मंचों से झूठ बोलते रहें है।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखु को नसीहत देते हुए कहा कि बिना सबूतों के वो जनता की हमदर्दी बटोरने के लिए झूठ न बोल कर यह मान लें कि आपके जनता विरोधीकार्य से आहत हो कर 9 विधायकों ने आपके साथ को नाकारा हैं। वह एक असफल और झूठे मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास के के पन्नों पर दर्ज होंगे।