शहीद अमित शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान एक गंभीर दुर्घटना में शहीद हुए जिला हमीरपुर के गांव तलासी खुर्द के सैनिक अमित शर्मा का सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। 5 दिन से परिवार कर रहा था इंतजार, कुपवाडा सेक्टर में हादसे में गई थी जान

शहीद अमित शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

हमीरपुर
जम्मू कश्मीर से हिमाचल के हमीरपुर जिले के शहीद अमित शर्मा काअंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव तलाशी खुर्द में किया गया। जैसे ही शहीद जवान अमित शर्मा का पार्थिव शव घर पर पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया और पिछले पांच दिनों से बेसब्री से इंतजार कर रहे हर एक की आंखे नम हो गई। इस अवसर पर एडीसी हमीरपुर जितेन्द्र सांजटा के अलावा ,एसडीएम हमीरपुर मनीष सोनी , तहसीलदार और सदर हमीरपुर के विधायक अशीष शर्मा व अन्य काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। 

एडीसी जितेन्द्र सांजटा ने बताया कि शहीद अमित शर्मा की शहादत पर सभी को गर्व है और आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अमित शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया है। उन्होंने बताया कि शहीद के परिवार की हर संभव सहायता की जाएगी। सरकार की ओर से शहीद के परिवार को 5 लाख रुपए दिए जाएंगे । उन्होंने बताया की तहसीलदार को निर्देश दिए है जल्द ही शहीद के परिवार से बैंक डिटेल लेकर सरकार की ओर से 5 लाख रुपए दिए जाएंगे।

वहीं सदर हमीरपुर विधायक आशीष शर्मा में कहा की सैनिक की शहादत पर नाज है और दुख भी है जिन्होंने अपनी जान गवाई है। उन्होंने कहा की  अमित शर्मा के शहीद होने पर क्षेत्र में शोक की लहर है।


वहीं 14 डोगरा के कैप्टन सनी सुलखड़े ने कहा कि अमित शर्मा ने देश की रक्षा के लिए शहादत पाई है जो कि गर्व की बात है। लेकिन उन्हें इस शहादत से दुख भी है । लेकिन भारतीय सेना इनके परिवार का पूरा ख्याल रखेगी। 

बता दे कि  जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में जिस स्थान पर दुर्घटना हुई थी, वहां से शहीदों के शवों को तो निकाल लिया गया है, लेकिन बेस कैंप तक पहुंचाने में खराब मौसम के चलते देरी हुई है। शहीद अमित के शव का देर शाम को श्रीनगर में पोस्टमार्टम किया गया और आज सुबह श्रीनगर से अमित की पार्थिव देह को जम्मू में आर्मी सेंटर में लाया गया सोमवार को चंडीगढ़ से पार्थिव देह सड़क मार्ग से अमित के पैतृक गांव लाया गया। तलाशी खुर्द में परिजन, रिश्तेदार और गांव के लोग शहीद बेटे की पार्थिव देह आने का इंतजार कर रहे थें।