नेरी में लोगों को बताए अवैध डंपिंग के दुष्प्रभाव

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने आयोजित किया जागरुकता शिविर

नेरी में लोगों को बताए अवैध डंपिंग के दुष्प्रभाव

मलबे और कचरे की अवैध डंपिंग के खिलाफ आम लोगों को जागरुक करने के लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने शनिवार को जिला प्रशासन के सहयोग से ग्राम पंचायत नेरी में एक जागरुकता शिविर आयोजित किया।
 शिविर की अध्यक्षता करते हुए प्राधिकरण के सचिव अनीश कुमार ने पंचायतवासियों को मलबे की अवैध डंपिंग के दुष्प्रभावों की जानकारी दी। उन्होंने इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए बनाए गए विभिन्न नियमों एवं अधिनियमों से भी लोगों को अवगत करवाया।
 अनीश कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में इस समय कई बड़ी सड़क परियोजनाओं, विद्युत परियोजनाओं, भवनों तथा अन्य प्रोजेक्टों के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। इन परियोजनाओं से निकलने वाले मलबे की डंपिंग के लिए पहले से ही स्थान निर्धारित किए गए हैं। इनके अलावा आम लोग भी अपने मकान इत्यादि के निर्माण के लिए खुदाई करते हैं। अगर इन सभी निर्माण कार्यों से निकलने वाले मलबे की सही एवं वैज्ञानिक ढंग से डंपिंग न हो तो इससे स्थानीय निवासियों तथा पर्यावरण का काफी नुक्सान हो सकता है। हाल ही में प्रदेश में आई आपदा में भी इसके दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं।
अनीश कुमार ने बताया कि इसी के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने सभी जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरणों को जागरुकता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत नेरी मंे भी शिविर आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें प्रतिदिन अपने घरों से निकलने वाले कूड़े का भी सही ढंग से निष्पादन करना चाहिए।
 इस अवसर पर अनीश कुमार ने लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता योजना, मोटर वाहन अधिनियम, नशे की समस्या, अदालतों में लंबित मामलों के आपसी सहमति से निपटारा करवाने और कई अन्य महत्वपूर्ण कानूनी जानकारियां भी दीं।
शिविर के दौरान एसडीएम मनीष कुमार सोनी और जिला राजस्व अधिकारी जसपाल सिंह ने भी लोगों को विभिन्न नियमों-अधिनियमों के प्रति जागरुक किया।