हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज का बड़सर दौरा जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा नहीं उतरा। जनता जिस उम्मीद और उत्साह के साथ मुख्यमंत्री के स्वागत की प्रतीक्षा कर रही थी, उन्हें केवल निराशा, दिखावा और दोहराए गए वादे ही मिले। मुख्यमंत्री का दौरा विकास का नहीं बल्कि राजनीतिक भाषण और आत्मप्रशंसा का कार्यक्रम बनकर रह गया।
सुबह से ही आम जनता रेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए घंटों इंतजार करती रही, लेकिन मुख्यमंत्री जनता से बिना मिले ही रवाना हो गए।
विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल ने कहा कि इस व्यवहार से साफ होता है कि “मुख्यमंत्री आम जनता के नहीं, बल्कि अपने मित्रों और चहेतों के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने जनता की भावनाओं की अनदेखी कर यह साबित कर दिया कि यह सरकार जनता से संवाद नहीं, बल्कि मंच से भाषण देना ही अपना कर्तव्य समझती है।”
विधायक लखनपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कोई नई घोषणा नहीं की, बल्कि वही वादे दोहराए जो 2023 में भी किए गए थे।
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर 100 बेड अस्पताल की घोषणा दोहराई, जबकि दो वर्षों में न तो भवन निर्माण प्रारंभ हुआ और न ही योजना स्वीकृत हुई। “यह सरकार जनता को केवल खोखले सपने दिखाने में माहिर है, लेकिन धरातल पर कोई ठोस काम नहीं कर पा रही है।”
मुख्यमंत्री ने अपने पूरे संबोधन में दियोटसिद्ध मंदिर ट्रस्ट घोटाले पर एक शब्द भी नहीं कहा।
विधायक लखनपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की यह चुप्पी दर्शाती है कि कांग्रेस सरकार इस घोटाले में कुछ न कुछ छिपा रही है। “दियोटसिद्ध जैसे आस्था केंद्र से जुड़े मामले पर मौन साध लेना मुख्यमंत्री की जवाबदेही से बचने का प्रयास है।”
मुख्यमंत्री जिस ₹65 करोड़ के मंदिर विकास कार्य का श्रेय खुद को दे रहे हैं, वह दरअसल एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा जयराम ठाकुर सरकार के समय स्वीकृत की गई राशि है। मौजूदा सरकार ने इस दिशा में कोई नया कदम नहीं उठाया। “मुख्यमंत्री जनता को भ्रमित कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार के समय स्वीकृत योजनाओं पर ही यह सरकार अपनी राजनीति चमका रही है।”
मुख्यमंत्री ने मंच से हर घर जल की बात तो की, लेकिन बड़सर क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों से जल शक्ति विभाग में एक भी नई पाइप नहीं आई। वास्तविकता यह है कि मुख्यमंत्री को अपने ही बयान का ज्ञान नहीं है, क्योंकि “बड़सर की प्यास बुझाने के लिए जो योजना बन रही है, वह 150 करोड़ की नहीं, बल्कि मात्र 132 करोड़ की है।”
मुख्यमंत्री ने सभा में कहा कि “बैमानी जीत गई और सराफत हार गई।”
विधायक लखनपाल ने इस बयान को बड़सर की जनता का सीधा अपमान बताया। “मुख्यमंत्री भूल गए कि बड़सर की जनता ने मुझे चार बार अपना विधायक बनाकर विधानसभा भेजा है। इस तरह का बयान देकर उन्होंने बड़सर की ईमानदार, जागरूक और सच्ची जनता का अपमान किया है।”
लखनपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री उपचुनावों में अपने ही जिले से भाजपा के दो विधायकों की जीत से बौखला गए हैं, और इसी बौखलाहट में उन्होंने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं।
मुख्यमंत्री की जनसभा में जनता से अधिक अधिकारी और सरकारी कर्मचारी दिखाई दिए।
लखनपाल ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि जनता अब इस सरकार की खोखली बातों से ऊब चुकी है। “जनता को भाषण नहीं, काम चाहिए — और काम भाजपा सरकार के समय ही हुआ था।”
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की बातें कर रहे हैं, जबकि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर व उनकी विधानसभा क्षेत्र गलोड़, नादौन और धनेटा अस्पतालों की स्थिति बेहद दयनीय है।
डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी से मरीज परेशान हैं। “मुख्यमंत्री को पहले अपने ही क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत देखनी चाहिए, फिर मंच से सुधार के दावे करने चाहिए।”
मुख्यमंत्री जिन सड़कों और परियोजनाओं का मंच से श्रेय ले रहे हैं, वे सभी विधायक प्राथमिकता योजना, नवार्ड और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही हैं।
राज्य सरकार का इन योजनाओं में कोई योगदान नहीं है।
“मुख्यमंत्री दूसरों के कार्यों को अपना बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं, जो जनता का सीधा अपमान है।”
विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बड़सर दौरा कांग्रेस सरकार की नाकामी, बौखलाहट और जनता से दूरी का प्रतीक बन गया है। “मुख्यमंत्री ने जनता से न मिलकर यह साबित कर दिया कि वे आम जनता के नहीं, बल्कि अपने मित्रों के मुख्यमंत्री हैं।”
उन्होंने कहा कि बड़सर की जनता अब कांग्रेस के छलावे में आने वाली नहीं है।“जनता ने सच्चाई देख ली है — आने वाले समय में कांग्रेस को इसका करारा जवाब मिलेगा।”
विधायक लखनपाल ने कहा कि भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो जनता की आवाज़ को समझती है और विकास को प्राथमिकता देती है।
बड़सर का वास्तविक विकास भाजपा सरकार के समय में हुआ, और आने वाले समय में भी भाजपा ही इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।