निरीक्षण के दौरान चिकन दुकानों में मिली कई कमियां, जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने कार्यशाला में दुकानदारों को किया जागरूक
कमियां सुधारने के लिए दिया 15 दिन का समय
जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए चिकन की दुकानों के निरीक्षण में स्वच्छता के नियम दरकिनार पाए गए हैं। यही नहीं यहां पर रखे जाने वाले मुर्गों को जाले में ठूंस ठूंस कर भर दिया जाता है जोकि नियमों के विपरीत है। वहीं चौंकाने वाली बात सामने आई है कि कई मुर्गें दुकान में रखे गए जाले में ही दो से तीन दिनों तक रहते हैं। इसके बाद इन्हें ग्राहक की डिमांड के अनुरूप काटा जाता है। इनके लिए पानी या दाने की उचित व्यवस्था भी नहीं की जाती। वहीं मुर्गों में मुर्गों के सामने ही काटा जा रहा है, हालांकि ऐसा नहीं हो चाहिए। काटने का स्थान अन्य मुर्गों के स्थान से अलग होना चाहिए या फिर मुर्गों को पर्दे में काट जाए। यह सब एफएसएसआर्ज लाइसेंसिंग एंड रेजिस्ट्रेशन (4.6) के अनुसार पूरी तरह गलत है। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के निरीक्षण में चिकन शॉप्स पर कई तरह की खामियां पाए जाने के उपरांत चिकन शॉप संचालकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस जागरूकता कार्यशाला की अध्यक्षता जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त अनिल शर्मा ने की। उनके साथ इस दौरान जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी मधुबाला सहित सहयोगी संदीप कुमार व अन्य उपस्थित रहे।
जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त अनिल शर्मा ने बताया कि चिकन की दुकानें के निरीक्षण के दौरान खामियां पाई गई थीं। उन खामियों को दूर करने के लिए जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया ताकि चिकन शॉप संचालक कमियों को दूर कर सकें। संचालकों को 15 दिन में कमियां सुधारने के लिए कहा गया है। यदि उसके बाद कमियां पाई गई तो विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी मधुबाला ने कहा कि चिकन दुकानों में सही व्यवस्था न होने पर जुर्माने का प्रावधान है। कई कानून इसके लिए बने हुए हैं जिनके तहत अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान किया गया है। लाखों रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।